अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) टाटा कैपिटल के आगामी $2 बिलियन के प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) से महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए तैयार है, जो भारत के क्लीनटेक क्षेत्र में 14 साल के रणनीतिक निवेश की परिणति है। IFC ने 2011 में टाटा क्लीनटेक कैपिटल लिमिटेड (TCCL) की स्थापना के लिए साझेदारी की, जिसने भारत में 500 से अधिक नवीकरणीय परियोजनाओं को वित्त पोषित किया है और 22,400 मेगावाट से अधिक स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को मंजूरी दी है। TCCL के टाटा कैपिटल में विलय के बाद, IFC ने अपनी हिस्सेदारी का लगभग आधा हिस्सा बेचने की योजना बनाई है, जिससे मूल निवेश पर लगभग 13 गुना रिटर्न मिलेगा, जो हरित वित्त की बढ़ती सफलता को दर्शाता है। यह IPO भारतीय वित्तीय क्षेत्र में सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम बनने की उम्मीद है और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा ऊपरी-परत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लिस्टिंग जनादेश को भी पूरा करता है। IFC का यह सफल निवेश भारत के निजी क्षेत्र में हरित वित्त निवेश की लाभप्रदता के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करता है।
शीर्षक: IFC का ₹25 से ₹343 तक का सफर: टाटा कैपिटल IPO में हरित निवेश की 13 गुना सफलता की कहानी
प्रस्तावना: भारतीय वित्तीय बाजार में एक ऐतिहासिक क्षण
भारतीय वित्तीय परिदृश्य एक और महत्वपूर्ण सार्वजनिक पेशकश के लिए तैयार हो रहा है, जो न केवल निवेशकों के लिए एक आकर्षक अवसर प्रस्तुत करता है, बल्कि हरित वित्तपोषण (ग्रीन फाइनेंसिंग) की सफलता की एक प्रेरक कहानी भी बयां करता है। टाटा कैपिटल लिमिटेड, जो भारत की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) में से एक प्रमुख नाम है, अपना प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) लाने की तैयारी में है। यह IPO कई मायनों में ऐतिहासिक है। एक तरफ, यह भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के ऊपरी-स्तरीकृत NBFCs के लिए सार्वजनिक लिस्टिंग के अनिवार्य नियम का अनुपालन करता है। दूसरी तरफ, यह इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IFC) के लिए एक असाधारण निवेश सफलता की कहानी का प्रतीक है, जो इस IPO के माध्यम से अपने निवेश पर लगभग 13 गुना रिटर्न प्राप्त करने की कगार पर है।
यह IPO न केवल टाटा समूह के लिए, बल्कि भारत के वित्तीय क्षेत्र के लिए भी एक मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि यह हाल के वर्षों में टाटा समूह की दूसरी बड़ी सार्वजनिक लिस्टिंग होगी, जो नवंबर 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज के सफल पदार्पण के बाद आ रही है। यह पेशकश भारतीय वित्तीय क्षेत्र में सबसे बड़ी सार्वजनिक पेशकश बनने की उम्मीद है, जिसका अनुमानित मूल्य $2 बिलियन (लगभग ₹17,000 करोड़) है। यह सब भारत के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में एक दशक से अधिक के रणनीतिक और दूरदर्शी निवेश की परिणति है, जिसने एक समय जोखिम भरा माने जाने वाले क्षेत्र को अब अत्यधिक लाभदायक साबित कर दिया है।
IFC का हरित निवेश: एक दशक की दूरदर्शिता और दृढ़ संकल्प
इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IFC), जो विश्व बैंक समूह की निजी क्षेत्र की शाखा है, ने 14 साल पहले भारत के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में निवेश का एक रणनीतिक निर्णय लिया था। यह निर्णय ऐसे समय में आया था जब भारत का स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में था, काफी हद तक सब्सिडी पर निर्भर था और इसे एक जोखिम भरा निवेश प्रस्ताव माना जाता था। लेकिन IFC ने इस उभरते हुए क्षेत्र की संभावनाओं को पहचाना और एक ऐसे भागीदार की तलाश की जो इस दृष्टिकोण को साकार कर सके।
2011 में, IFC ने टाटा कैपिटल के साथ साझेदारी की और टाटा क्लीनटेक कैपिटल लिमिटेड (TCCL) की स्थापना की। TCCL का मुख्य उद्देश्य नवीकरणीय और स्थायी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को वित्तपोषित करना था। यह साझेदारी भारत में हरित वित्तपोषण के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। IFC का निवेश न केवल पूंजी प्रदान करने के बारे में था, बल्कि यह भारत के स्वच्छ ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और इसे आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक रणनीतिक कदम भी था। इस निवेश ने एक ऐसे समय में निजी क्षेत्र को आकर्षित करने में मदद की जब अन्य निवेशक अभी भी इस क्षेत्र की अनिश्चितताओं से आशंकित थे। IFC ने इस उभरते हुए बाजार में विश्वास दिखाया, जिससे अन्य निवेशकों के लिए भी रास्ता खुला।
टाटा क्लीनटेक कैपिटल की असाधारण वृद्धि: हरित वित्त का एक प्रतीक
पिछले एक दशक में, टाटा क्लीनटेक कैपिटल लिमिटेड (TCCL) ने भारत के सबसे प्रमुख हरित फाइनेंसरों में से एक के रूप में खुद को स्थापित किया है। कंपनी ने देश भर में 500 से अधिक नवीकरणीय परियोजनाओं को वित्तपोषित किया है, जो सौर, पवन, बायोमास, छोटे हाइड्रो, जल उपचार और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सहित विभिन्न क्षेत्रों को कवर करती हैं। यह व्यापक कवरेज TCCL की हरित ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्धता और भारत के विविध ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की उसकी क्षमता को दर्शाता है।
TCCL की उपलब्धियाँ सिर्फ परियोजनाओं की संख्या तक ही सीमित नहीं हैं। कंपनी ने 22,400 मेगावाट से अधिक स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को मंजूरी दी है, जिससे भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में महत्वपूर्ण योगदान मिला है। इस प्रयास ने न केवल ऊर्जा सुरक्षा में सुधार किया है, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी मदद की है, जो भारत की वैश्विक पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है।
वित्तीय मोर्चे पर भी TCCL ने प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है। वित्तीय वर्ष 2025 तक, TCCL का क्लीनटेक और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लोन बुक ₹18,000 करोड़ को पार कर गया है। पिछले दो वर्षों में, यह लगभग 32 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है, जो इसकी मजबूत वित्तीय स्थिति और बाजार में बढ़ती उपस्थिति को दर्शाता है। यह वृद्धि दर्शाती है कि हरित वित्तपोषण न केवल पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार है, बल्कि वित्तीय रूप से भी व्यवहार्य और अत्यधिक लाभदायक हो सकता है।
विलय और IFC की हिस्सेदारी: निवेश का मूल्यांकन
जैसे-जैसे TCCL की यात्रा आगे बढ़ी, इसने अपनी मूल कंपनी टाटा कैपिटल के साथ विलय कर लिया। इस विलय के बाद, IFC अब टाटा कैपिटल में 7.16 करोड़ शेयर रखता है, जो कंपनी में उसकी लगभग 1.8 प्रतिशत हिस्सेदारी का प्रतिनिधित्व करता है। यह विलय टाटा समूह की वित्तीय सेवाओं के पोर्टफोलियो को मजबूत करने और हरित वित्तपोषण को अपनी मुख्य व्यावसायिक रणनीति में एकीकृत करने की दिशा में एक तार्किक कदम था।
IFC ने टाटा कैपिटल में समायोजित मूल्य पर लगभग ₹25 प्रति शेयर के हिसाब से निवेश किया था, जिससे उसका कुल निवेश लगभग ₹179 करोड़ था। यह एक दूरदर्शी निवेश था, जिसकी वास्तविक क्षमता उस समय शायद पूरी तरह से समझ में नहीं आई थी। हालांकि, जुलाई में टाटा कैपिटल के हालिया राइट्स इश्यू में प्रति शेयर ₹343 के मूल्य के आधार पर, IFC की हिस्सेदारी का मूल्य अब लगभग ₹2,458 करोड़ है। यह एक लगभग ₹2,278 करोड़ का काल्पनिक लाभ दर्शाता है, जो उसके मूल निवेश का लगभग 13 गुना रिटर्न है। यह एक बहु-बैगर रिटर्न का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो दीर्घकालिक और रणनीतिक निवेश के असाधारण पुरस्कारों को उजागर करता है। बाजार के सूत्रों का यह भी सुझाव है कि IPO मूल्य राइट्स इश्यू मूल्यांकन से अधिक होने की उम्मीद है, जिससे IFC का रिटर्न और बढ़ सकता है।
IPO की संरचना और उद्देश्य: टाटा कैपिटल का भविष्य
टाटा कैपिटल का आगामी IPO एक हाइब्रिड संरचना वाला होगा, जिसमें एक नया इश्यू और बिक्री के लिए प्रस्ताव (OFS) दोनों शामिल होंगे। इस पेशकश में 21 करोड़ शेयरों तक का नया इश्यू और 26.58 करोड़ शेयरों तक का ऑफर फॉर सेल शामिल होगा।
IFC अपने मौजूदा 1.8 प्रतिशत हिस्सेदारी का लगभग आधा हिस्सा बेचकर, 3.58 करोड़ शेयर IPO में बेचेगा। IFC की यह समय पर निकासी टाटा कैपिटल के बड़े IPO के दौरान भारत के निजी क्षेत्र में हरित वित्तपोषण निवेश की बढ़ती सफलता और लाभप्रदता को प्रदर्शित करती है। यह वित्तीय और क्लीनटेक क्षेत्र में बहु-बैगर रिटर्न के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करता है। IFC के साथ-साथ, प्रमोटर टाटा संस भी 23 करोड़ शेयरों तक की पेशकश करेगा। हालांकि, बिक्री के बाद भी टाटा संस अपनी प्रमुख 88.6 प्रतिशत स्वामित्व हिस्सेदारी बनाए रखेगा, जिससे कंपनी पर उसका नियंत्रण बना रहेगा।
नए इश्यू से प्राप्त आय का उपयोग टियर-I पूंजी को बढ़ाने और ऋण वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। यह पूंजी इंजेक्शन टाटा कैपिटल को अपनी विस्तार योजनाओं को गति देने, अपनी उधार गतिविधियों को बढ़ाने और भारतीय वित्तीय बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत करने में मदद करेगा।
RBI का जनादेश और नियामक अनुपालन
यह IPO भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के एक महत्वपूर्ण जनादेश को भी पूरा करता है। RBI ने ऊपरी-स्तरीकृत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को उनके वर्गीकरण के तीन साल के भीतर सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होने का निर्देश दिया है। टाटा कैपिटल को सितंबर 2022 में एक ऊपरी-स्तरीकृत NBFC के रूप में नामित किया गया था, और यह आगामी IPO इस नियामक आवश्यकता का अनुपालन करता है। यह लिस्टिंग कंपनी के लिए पारदर्शिता और शासन के उच्च मानकों को सुनिश्चित करेगी, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।
व्यापक प्रभाव: हरित वित्त का भविष्य और भारतीय बाजार का आकर्षण
IFC की टाटा कैपिटल में निवेश की सफलता भारत में हरित वित्तपोषण के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश देती है। यह दर्शाता है कि पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार निवेश न केवल समाज और पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि वित्तीय रूप से भी बेहद आकर्षक और लाभदायक हो सकता है। IFC का यह 'समय पर निकास' भारत के निजी क्षेत्र में हरित वित्तपोषण की बढ़ती सफलता और लाभप्रदता को प्रदर्शित करता है, जिससे वित्तीय और क्लीनटेक क्षेत्र में बहु-बैगर रिटर्न के लिए एक बेंचमार्क स्थापित होता है।
यह सफलता कहानी भारत को वैश्विक हरित वित्तपोषण मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में भी स्थापित करती है। यह अन्य अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को भारत के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र और उसके वित्तीय संस्थानों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। जैसे-जैसे भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा पर अपनी निर्भरता बढ़ा रहा है, वैसे-वैसे हरित वित्तपोषण की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होती जाएगी। टाटा कैपिटल और IFC की यह साझेदारी एक मॉडल के रूप में काम करती है कि कैसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी और रणनीतिक निवेश स्थायी विकास और असाधारण वित्तीय रिटर्न दोनों को प्राप्त कर सकते हैं।
यह IPO न केवल टाटा कैपिटल के लिए एक नया अध्याय खोलेगा, बल्कि यह भारतीय पूंजी बाजारों की गहराई और विस्तार को भी प्रदर्शित करेगा। यह इस बात का प्रमाण है कि भारतीय बाजार बड़ी और जटिल पेशकशों को अवशोषित करने में सक्षम है, और यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना हुआ है।
निष्कर्ष: एक प्रेरणादायक निवेश गाथा
टाटा कैपिटल का आगामी $2 बिलियन का IPO सिर्फ एक वित्तीय घटना से कहीं बढ़कर है। यह IFC के एक दशक से अधिक के हरित निवेश की सफलता की कहानी है, जिसने एक समय के जोखिम भरे क्षेत्र को अब एक संपन्न और लाभदायक उद्योग में बदल दिया है। ₹25 प्रति शेयर से ₹343 प्रति शेयर तक का सफर IFC के लिए लगभग 13 गुना रिटर्न का प्रतिनिधित्व करता है, जो रणनीतिक दूरदर्शिता और स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।
यह IPO भारत के बढ़ते वित्तीय क्षेत्र, RBI के नियामक जनादेश का अनुपालन, और देश के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र की अपार क्षमता को भी रेखांकित करता है। जैसे-जैसे भारत अपनी अर्थव्यवस्था को decarbonize करने और स्थायी भविष्य की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहा है, टाटा कैपिटल जैसी कंपनियां और IFC जैसे निवेशक इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यह घटना निस्संदेह भारत के वित्तीय और क्लीनटेक परिदृश्य में एक नए युग की शुरुआत का संकेत है, जो न केवल निवेशकों के लिए अवसर पैदा करती है, बल्कि एक हरित और अधिक टिकाऊ भविष्य के निर्माण में भी मदद करती है।
टाटा कैपिटल आईपीओ: IFC की हरित निवेश सफलता पर 50 प्रश्न-उत्तर
1. इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IFC) को टाटा कैपिटल के आगामी IPO से कितना गुना रिटर्न मिलने की उम्मीद है?
A1. इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IFC) को टाटा कैपिटल के आगामी IPO से 13 गुना रिटर्न मिलने की उम्मीद है।
2. IFC किस समूह का निजी क्षेत्र का अंग है?
A2. IFC विश्व बैंक समूह का निजी क्षेत्र का अंग है।
3. टाटा कैपिटल का आगामी IPO कितने बिलियन डॉलर का होने की उम्मीद है?
A3. टाटा कैपिटल का आगामी IPO $2 बिलियन का होने की उम्मीद है।
4. IFC, टाटा कैपिटल के IPO में कितने शेयर बेचने की योजना बना रहा है?
A4. IFC IPO में 3.58 करोड़ शेयर बेचने की योजना बना रहा है।
5. IFC द्वारा बेचे जाने वाले 3.58 करोड़ शेयर टाटा कैपिटल में उसकी मौजूदा हिस्सेदारी का लगभग कितना प्रतिशत दर्शाते हैं?
A5. ये शेयर टाटा कैपिटल में उसकी मौजूदा 1.8 प्रतिशत हिस्सेदारी का लगभग आधा दर्शाते हैं।
6. टाटा कैपिटल अपना IPO किस महीने में लॉन्च करने की तैयारी में है?
A6. टाटा कैपिटल अक्टूबर के पहले भाग में अपना IPO लॉन्च करने की तैयारी में है (एक अन्य स्रोत में अक्टूबर 2025 भी उल्लिखित है)।
7. IFC ने भारत के क्लीनटेक सेक्टर में कितने साल का रणनीतिक निवेश किया था?
A7. IFC ने भारत के क्लीनटेक सेक्टर में 14 साल का रणनीतिक निवेश किया था।
8. IFC की टाटा कैपिटल के साथ यात्रा कब शुरू हुई थी?
A8. IFC की टाटा कैपिटल के साथ यात्रा 2011 में शुरू हुई थी।
9. IFC और टाटा कैपिटल ने किस कंपनी की स्थापना के लिए साझेदारी की थी?
A9. उन्होंने टाटा क्लीनटेक कैपिटल लिमिटेड (TCCL) की स्थापना के लिए साझेदारी की थी।
10. TCCL का मुख्य उद्देश्य क्या था?
A10. TCCL का मुख्य उद्देश्य नवीकरणीय और स्थायी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को वित्तपोषित करना था।
11. 2011 में भारत का स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र कैसा माना जाता था?
A11. 2011 में भारत का स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र सब्सिडी पर अत्यधिक निर्भर और एक जोखिम भरा निवेश प्रस्ताव माना जाता था।
12. पिछले एक दशक में TCCL कैसे परिवर्तित हुई है?
A12. पिछले एक दशक में TCCL भारत के सबसे प्रमुख हरित फाइनेंसरों में से एक के रूप में परिवर्तित हुई है।
13. TCCL ने भारत में कितने से अधिक नवीकरणीय परियोजनाओं को समर्थन दिया है?
A13. TCCL ने भारत में 500 से अधिक नवीकरणीय परियोजनाओं को समर्थन दिया है।
14. TCCL द्वारा कवर किए गए कुछ नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र कौन से हैं?
A14. TCCL द्वारा कवर किए गए क्षेत्रों में सौर, पवन, बायोमास, छोटे हाइड्रो, जल उपचार और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी शामिल हैं।
15. TCCL ने कितनी स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को मंजूरी दी है?
A15. TCCL ने 22,400 मेगावाट से अधिक स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को मंजूरी दी है।
16. TCCL का क्लीनटेक पोर्टफोलियो कैसा है?
A16. TCCL ने देश में सबसे व्यापक क्लीनटेक पोर्टफोलियो में से एक का निर्माण किया है।
17. वित्त वर्ष 2025 तक TCCL का क्लीनटेक और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लोन बुक कितना था?
A17. वित्त वर्ष 2025 तक TCCL का क्लीनटेक और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लोन बुक ₹18,000 करोड़ को पार कर गया था।
18. पिछले दो वर्षों में TCCL के लोन बुक की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (C AGR) कितनी रही है?
A18. पिछले दो वर्षों में TCCL के लोन बुक की C
AGR लगभग 32 प्रतिशत रही है।
19. TCCL के टाटा कैपिटल के साथ विलय के बाद IFC अब मूल कंपनी में कितने शेयर रखता है?
A19. विलय के बाद IFC अब मूल कंपनी में 7.16 करोड़ शेयर रखता है।
20. टाटा कैपिटल में IFC की मौजूदा हिस्सेदारी लगभग कितनी है?
A20. टाटा कैपिटल में IFC की मौजूदा हिस्सेदारी लगभग 1.8% है।
21. IFC ने टाटा कैपिटल में लगभग कितने प्रति शेयर के समायोजित मूल्य पर प्रवेश किया था?
A21. IFC ने लगभग ₹25 प्रति शेयर के समायोजित मूल्य पर प्रवेश किया था।
22. IFC का कुल प्रारंभिक निवेश मूल्य लगभग कितना था?
A22. IFC का कुल प्रारंभिक निवेश मूल्य लगभग ₹179 करोड़ था।
23. जुलाई में टाटा कैपिटल के हालिया राइट्स इश्यू में प्रति शेयर मूल्य कितना था?
A23. जुलाई में टाटा कैपिटल के हालिया राइट्स इश्यू में प्रति शेयर मूल्य ₹343 था।
24. राइट्स इश्यू मूल्य के आधार पर IFC की हिस्सेदारी का मूल्य अब कितना है?
A24. राइट्स इश्यू मूल्य के आधार पर IFC की हिस्सेदारी का मूल्य अब लगभग ₹2,458 करोड़ है।
25. IFC का अनुमानित लाभ (notional profit) कितना है?
A25. IFC का अनुमानित लाभ लगभग ₹2,278 करोड़ है।
26. बाजार सूत्रों के अनुसार, IPO मूल्य राइट्स इश्यू मूल्यांकन की तुलना में कैसा होने की उम्मीद है?
A26. बाजार सूत्रों के अनुसार, IPO मूल्य राइट्स इश्यू मूल्यांकन से अधिक होने की उम्मीद है।
27. आगामी पेशकश में कितने शेयरों का नया इश्यू शामिल होगा?
A27. आगामी पेशकश में 21 करोड़ शेयरों तक का नया इश्यू शामिल होगा।
28. आगामी पेशकश में कितने शेयरों का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल होगा?
A28. आगामी पेशकश में 26.58 करोड़ शेयरों तक का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल होगा।
29. IFC के 3.58 करोड़ शेयरों के अलावा, प्रमोटर टाटा संस OFS में कितने शेयर बेचेगा?
A29. प्रमोटर टाटा संस 23 करोड़ शेयरों तक OFS में बेचेगा।
30. शेयरों की बिक्री के बाद भी टाटा संस का स्वामित्व प्रतिशत कितना बना रहेगा?
A30. शेयरों की बिक्री के बाद भी टाटा संस का 88.6 प्रतिशत स्वामित्व बना रहेगा।
31. नए इश्यू से प्राप्त आय का उपयोग किस लिए किया जाएगा?
A31. नए इश्यू से प्राप्त आय का उपयोग टियर-I पूंजी को बढ़ाने और ऋण वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा।
32. यदि सफल होता है, तो टाटा कैपिटल का IPO भारत के वित्तीय क्षेत्र में कैसा सार्वजनिक इश्यू बनेगा?
A32. यदि सफल होता है, तो टाटा कैपिटल का IPO भारत के वित्तीय क्षेत्र में सबसे बड़ा सार्वजनिक इश्यू बनेगा।
33. टाटा कैपिटल का IPO हाल के वर्षों में टाटा समूह की कौन सी सार्वजनिक लिस्टिंग होगी?
A33. यह टाटा समूह की दूसरी सार्वजनिक लिस्टिंग होगी।
34. नवंबर 2023 में टाटा समूह की पहली हालिया सार्वजनिक लिस्टिंग कौन सी थी?
A34. नवंबर 2023 में टाटा समूह की पहली हालिया सार्वजनिक लिस्टिंग टाटा टेक्नोलॉजीज की थी।
35. यह लिस्टिंग RBI के किस जनादेश को पूरा करती है?
A35. यह लिस्टिंग RBI के ऊपरी-स्तरीकृत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को वर्गीकरण के तीन साल के भीतर सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होने के जनादेश को पूरा करती है।
36. टाटा कैपिटल को ऊपरी-स्तरीकृत NBFC के रूप में कब नामित किया गया था?
A36. टाटा कैपिटल को सितंबर 2022 में एक ऊपरी-स्तरीकृत NBFC के रूप में नामित किया गया था।
37. $2 बिलियन के IPO का भारतीय रुपये में अनुमानित मूल्य कितना है?
A37. $2 बिलियन के IPO का भारतीय रुपये में अनुमानित मूल्य ₹17,000 करोड़ है।
38. IFC वर्तमान में टाटा कैपिटल में कितने शेयर रखता है?
A38. IFC वर्तमान में टाटा कैपिटल में 7.16 करोड़ शेयर रखता है।
39. IFC अपनी कुल होल्डिंग का कितना हिस्सा IPO में बेच रहा है?
A39. IFC अपनी कुल होल्डिंग का आधा हिस्सा (3.58 करोड़ शेयर) IPO में बेच रहा है।
40. IFC का निवेश टाटा क्लीनटेक कैपिटल (TCCL) को क्या सक्षम बनाता है?
A40. IFC का निवेश TCCL को 500 से अधिक हरित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को वित्तपोषित करने और 22,400 मेगावाट से अधिक स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को मंजूरी देने में सक्षम बनाता है।
41. वित्त वर्ष 2025 तक TCCL का लोन बुक कितना था, और यह क्या दर्शाता है?
A41. वित्त वर्ष 2025 तक TCCL का लोन बुक ₹18,000 करोड़ को पार कर गया था, जो पिछले दो वर्षों में लगभग 32% की CAGR से बढ़ा है।
42. IFC का समय पर निकास क्या प्रदर्शित करता है?
A42. IFC का समय पर निकास भारत के निजी क्षेत्र में हरित वित्त निवेश की बढ़ती सफलता और लाभप्रदता को प्रदर्शित करता है।
43. IFC का निकास वित्तीय और क्लीनटेक क्षेत्र में किस लिए एक बेंचमार्क स्थापित करता है?
A43. IFC का निकास वित्तीय और क्लीनटेक क्षेत्र में मल्टीबैगर रिटर्न के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करता है।
44. RBI द्वारा NBFCs के लिए सूचीकरण का जनादेश क्यों दिया गया है?
A44. RBI ने ऊपरी-स्तरीकृत NBFCs को उनके वर्गीकरण के तीन साल के भीतर सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होने का निर्देश दिया है।
45. टाटा कैपिटल का IPO किस प्रकार की संरचना वाला होगा?
A45. टाटा कैपिटल का IPO एक हाइब्रिड संरचना वाला होगा, जिसमें एक नया इश्यू और ऑफर फॉर सेल दोनों शामिल होंगे।
46. 2011 में भारत के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र की एक मुख्य विशेषता क्या थी जो इसे जोखिम भरा निवेश बनाती थी?
A46. यह सब्सिडी पर अत्यधिक निर्भर था।
47. TCCL द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं ने किन-किन क्षेत्रों में योगदान दिया है?
A47. TCCL द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं ने सौर, पवन, बायोमास, छोटे हाइड्रो, जल उपचार, और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्रों में योगदान दिया है।
48. टाटा कैपिटल को अपने IPO के लिए RBI से क्या प्राप्त हुआ है?
A48. टाटा कैपिटल को RBI से स्टॉक एक्सचेंजों पर अपने शेयरों को सूचीबद्ध करने के लिए एक विस्तार प्राप्त हुआ है।
49. IFC का ₹25 प्रति शेयर का समायोजित मूल्य और ₹343 प्रति शेयर का राइट्स इश्यू मूल्य क्या दर्शाता है?
A49. यह IFC के निवेश पर लगभग 13 गुना रिटर्न और ₹2,278 करोड़ का काल्पनिक लाभ दर्शाता है।
50. TCCL का विलय किस कंपनी के साथ हुआ?
A50. TCCL का विलय उसकी मूल कंपनी टाटा कैपिटल के साथ हुआ।
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