27 जुलाई 2025: वैश्विक उथल-पुथल के बीच भारत की बढ़ती भूमिका और आशाएँ
परिचय: एक असाधारण दिन का लेखा-जोखा
आज, 27 जुलाई 2025, का दिन वैश्विक भू-राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मोर्चों पर कई महत्वपूर्ण घटनाक्रमों से भरा रहा। जहाँ पूर्वी यूरोप में बढ़ते संघर्ष और दक्षिण चीन सागर में बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यासों ने अंतर्राष्ट्रीय तनाव को एक बार फिर उजागर किया, वहीं, भारत ने एक मजबूत आर्थिक गति, महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं में मील के पत्थर और रणनीतिक प्रगति का प्रदर्शन किया, जो वैश्विक मंच पर इसकी बढ़ती प्रमुखता को रेखांकित करता है। इस दिन जलवायु परिवर्तन की चिंताजनक रिपोर्टें और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति भी प्रमुखता से सामने आईं। यह ब्लॉग 27 जुलाई 2025 के इन प्रमुख घटनाक्रमों का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करता है, जो हमें उपलब्ध स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है।
स्रोत 27 जुलाई, 2025 को वैश्विक और भारतीय दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण घटनाओं का एक व्यापक अवलोकन प्रदान करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, रिपोर्टें पूर्वी यूरोप में बढ़ते संघर्षों, दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यासों और गाजा में मानवीय संकटों के बीच इजरायल-हमास संघर्ष में नए घटनाक्रमों पर प्रकाश डालती हैं। आर्थिक रूप से, वैश्विक वित्तीय संस्थानों पर साइबर हमलों और लगातार उच्च मुद्रास्फीति को प्रमुख चुनौतियों के रूप में नोट किया गया है। भारत के भीतर, महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में आर्थिक विकास में सुधार, प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में प्रगति और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने वाली नीतिगत सुधार शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक सफल उपग्रह प्रक्षेपण और हरित ऊर्जा लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया गया है, जबकि कुछ क्षेत्रीय तनाव और दुर्भाग्यपूर्ण घरेलू घटनाएं भी दर्ज की गई हैं।
भारत का आर्थिक परिदृश्य: एक मजबूत और लचीली अर्थव्यवस्था
भारत, 2025 में प्रवेश करते हुए, अपनी विकास यात्रा को आशाजनक पाते हुए भी विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनका स्थायी विकास सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुधारों के माध्यम से समाधान किया जाना आवश्यक है। आज के घटनाक्रम और उपलब्ध आर्थिक आंकड़े भारत की आर्थिक लचीलेपन और रणनीतिक दूरदर्शिता को दर्शाते हैं।
सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि और आर्थिक प्रेरक
पिछले तीन वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था ने संभावनाओं से बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसमें वित्त वर्ष 22 में 8.7%, वित्त वर्ष 23 में 7.2% और वित्त वर्ष 24 में 8.2% की मजबूत दर से वृद्धि हुई है। यह प्रभावशाली वृद्धि सार्वजनिक पूंजीगत व्यय, वैश्विक क्षमता केंद्रों (GCC) में पर्याप्त निवेश और सेवा निर्यात में वृद्धि से प्रेरित थी। ये कारक देश की आर्थिक गति के लिए मजबूत आधारशिला प्रदान करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि विकास न केवल तेज है बल्कि विविध क्षेत्रों द्वारा समर्थित भी है।
हालांकि, वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में यह वृद्धि धीमी होकर 5.4% हो गई, जो पिछली तिमाहियों की तुलना में उल्लेखनीय गिरावट है। इस गिरावट का श्रेय वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, घरेलू मुद्रास्फीति और निजी क्षेत्र के सतर्क निवेश के संयोजन को दिया गया है। यह बताता है कि भारत की अर्थव्यवस्था, हालांकि मजबूत है, फिर भी बाहरी और आंतरिक दबावों के प्रति संवेदनशील है, जिसके लिए निरंतर नीतिगत हस्तक्षेप और निगरानी की आवश्यकता है। इसके बावजूद, भारत के आर्थिक विकास का अनुमान ऊपर की ओर संशोधित किया गया है, जो मजबूत घरेलू मांग और निवेश को दर्शाता है। यह वृद्धि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था लगातार उच्च मुद्रास्फीति और चल रहे आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों से जूझ रही है। भारत की यह आर्थिक लचीलापन, मजबूत घरेलू खपत और रणनीतिक सरकारी नेतृत्व वाले बुनियादी ढांचा निवेश से प्रेरित है, जो इसे अन्य धीमी होती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में एक सापेक्षिक रूप से स्थिर और आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करता है। यह घरेलू बाजार की शक्ति को दर्शाता है, जो बाहरी आर्थिक झटकों से एक महत्वपूर्ण हद तक इन्सुलेशन प्रदान करता है, हालांकि पूर्ण प्रतिरक्षा नहीं।
राजकोषीय विवेक और सरकारी व्यय
राजकोषीय विवेक भारत की आर्थिक स्थिरता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, वित्त वर्ष 24 में राजकोषीय घाटे में सकल घरेलू उत्पाद के 6.4% से 5.9% तक की अनुमानित गिरावट से सार्वजनिक ऋण सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 83% पर स्थिर हो जाएगा। भारत के विकास के दृष्टिकोण को देखते हुए यह स्थिरता का एक आशाजनक संकेतक है, जो निवेशकों को आश्वस्त करता है और देश की वित्तीय अखंडता में विश्वास बढ़ाता है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 4.5% का राजकोषीय घाटा लक्ष्य सरकारी व्यय में वृद्धि की संभावना दे सकता है, विशेष रूप से बुनियादी ढांचे और सामाजिक क्षेत्रों में, जिससे आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में कटौती एक और महत्वपूर्ण कदम है, जिसने बैंकों को उधार देने के लिए धन मुक्त कर दिया है, जिससे निवेश को बढ़ावा मिला है। यह उपाय वित्तीय प्रणाली में तरलता को बढ़ाने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। हालांकि, RBI ने कृषि ऋण माफी और नकद हस्तांतरण सहित विभिन्न सब्सिडी पर राज्यों द्वारा व्यय में तीव्र वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है। यह चिंता राजकोषीय विवेक बनाए रखने और अनुत्पादक व्यय को रोकने की आवश्यकता को रेखांकित करती है, जो दीर्घावधि वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
पूँजीगत व्यय और अवसंरचना विकास
सरकार ने देश के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएँ बनाई हैं। केंद्रीय बजट 2023-24 में पूंजीगत निवेश के लिए ₹10 लाख करोड़ आवंटित किए गए, जो सकल घरेलू उत्पाद का 3.3% है। यह आवंटन बुनियादी ढांचे के निर्माण और आधुनिकीकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP) का लक्ष्य 2025 तक बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं में 111 लाख करोड़ रुपये का निवेश करना है, जिसमें ऊर्जा, सड़क, रेलवे एवं शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल होंगे।
27 जुलाई 2025 को एक प्रमुख अवसंरचना परियोजना जिसका उद्देश्य कनेक्टिविटी बढ़ाना है, अपने निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल कर चुकी है। बेहतर कनेक्टिविटी और अवसंरचना विकास सीधे सरकार की विनिर्माण को बढ़ावा देने की व्यापक नीति का समर्थन करता है। लॉजिस्टिक्स लागत को कम करके और समग्र दक्षता में सुधार करके, ये परियोजनाएं विनिर्माण क्षेत्र में घरेलू और विदेशी निवेश दोनों के लिए अधिक अनुकूल वातावरण बनाती हैं। बुनियादी ढांचा विकास और विनिर्माण-समर्थक नीतियों के बीच तालमेल भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ा सकता है। यह पर्याप्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित कर सकता है और निर्यात को बढ़ावा दे सकता है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की स्थिति मजबूत हो सकती है।
मुख्य चिंताएँ और चुनौतियाँ
भारत की विकास यात्रा के बावजूद, कुछ मुख्य चिंताएँ और चुनौतियाँ बनी हुई हैं जिन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है:
- भू-राजनीतिक प्रतिकूलताएँ: वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ, जैसे अमेरिकी नीति में बदलाव एवं भू-राजनीतिक तनाव, अतिरिक्त जोखिम उत्पन्न करते हैं। राजकोषीय उपायों एवं ब्याज दरों सहित अमेरिकी आर्थिक नीतियों में परिवर्तन भारत की अर्थव्यवस्था पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।
- वैश्विक व्यापार गतिशीलता और कमोडिटी की कीमतें: ये भारत की मुद्रास्फीति और विकास संभावनाओं को प्रभावित कर सकती हैं।
- बचत-निवेश अंतर: RBI की नवीनतम वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट से पता चलता है कि परिवारों की शुद्ध वित्तीय बचत वित्त वर्ष 23 में सकल घरेलू उत्पाद के 5.3% तक गिर गई, जो वित्त वर्ष 22 में 7.3% थी, और पिछले दशक के 8% औसत से अत्यधिक कम है। यह निवेश के लिए उपलब्ध घरेलू पूंजी को कम करता है।
- निजी क्षेत्र में निवेश: निजी क्षेत्र में निवेश का स्तर, रोजगार सृजन और आर्थिक असमानताएँ भी अन्य प्रमुख चिंताएँ हैं जिन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है।
प्रमुख सुधार और पहल
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, भारत सरकार ने कई महत्वपूर्ण सुधारों और पहलों को लागू किया है:
- वस्तु एवं सेवा कर (GST): इसने देश को एकल बाजार में एकीकृत कर दिया, कर संरचना को सरल बना दिया और राजस्व संग्रह को बढ़ावा दिया। वित्त वर्ष 2023-24 में GST संग्रह बढ़कर 20.18 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो औसत मासिक 1.68 लाख करोड़ रुपये है। यह कर सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने और कर अनुपालन में सुधार करने में महत्वपूर्ण रहा है।
- डिजिटल इंडिया पहल: यह एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम है, जिसने विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी अपनाने और नवाचार को बढ़ावा दिया है। इसने न केवल शासन को बढ़ाया है, बल्कि 150,000 से अधिक स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा दिया है, जिससे 1.5 मिलियन से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं। यह पहल भारत को एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने में महत्वपूर्ण रही है।
- वित्तीय समावेशन और गरीबी उन्मूलन: प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) ने बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच को बदल दिया है, जिसके अंतर्गत अक्टूबर 2024 तक 53 करोड़ से अधिक खाते खोले जाएंगे। इसने पहले बैंकिंग सुविधा से वंचित रहे लाखों व्यक्तियों को औपचारिक वित्तीय दायरे में ला दिया है, जिससे आर्थिक असमानता कम हुई है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 2013-14 और 2022-23 के बीच 24.82 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकल आए हैं। यह वित्तीय सेवाओं तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने और कमजोर वर्गों के उत्थान में सरकार की सफलता को दर्शाता है।
- बाजार प्रदर्शन और निवेशक विश्वास: भारत का बाजार प्रदर्शन असाधारण रहा है, जिसमें बेंचमार्क सूचकांक वित्त वर्ष 2023-24 में कम अस्थिरता बनाए रखते हुए 28% बढ़े हैं। इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है, महत्वपूर्ण विदेशी निवेश आकर्षित हुआ है तथा अर्थव्यवस्था और मजबूत हुई है। यह भारतीय बाजारों में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
- घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए नीति सुधार: भारत सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण नीति सुधार की घोषणा की है। यह "मेक इन इंडिया" पहल की निरंतरता या त्वरण है, जिसका दोहरा उद्देश्य है: आयात पर निर्भरता कम करना और वैश्विक प्रवृत्ति का लाभ उठाना जहां कंपनियां चीन से अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाना चाहती हैं।
- उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना: इस योजना का उद्देश्य प्रमुख क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करना और उत्पादन क्षमता बढ़ाना है। यह भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में और अधिक एकीकृत करने और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई है।
सतत् आर्थिक विकास के लिए सुझाए गए सुधार
भारत के सतत् आर्थिक विकास के मार्ग पर बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए:
- मानव पूँजी विकास: श्रम उत्पादकता और समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मानव पूँजी में निवेश करना महत्वपूर्ण है। इसमें शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ाना और बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच सुनिश्चित करना शामिल है। वैश्विक मानव पूँजी रिपोर्ट में भारत की मानव संसाधन पूँजी में सुधार की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है, जो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए आवश्यक है। मानव पूंजी में निवेश एक मजबूत और उत्पादक कार्यबल के लिए नींव रखता है।
- तकनीकी प्रगति: उत्पादकता बढ़ाने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाना महत्वपूर्ण है। प्रौद्योगिकी तत्परता बढ़ाने से विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता में सुधार करके आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है।
- श्रम बाजार सुधार: निवेश आकर्षित करने और रोजगार सृजन के लिए श्रम कानूनों में सुधार कर उन्हें अधिक लोचशील एवं उद्योग-अनुकूल बनाना आवश्यक है। ई-श्रम पोर्टल जैसे प्लेटफार्मों के एकीकरण का उद्देश्य श्रमिकों को रोजगार और कौशल अवसरों सहित व्यापक सेवाएँ प्रदान करना है। ये सुधार श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करते हुए व्यवसायों के लिए एक लचीला माहौल सुनिश्चित करते हैं।
- भूमि एवं संपत्ति सुधार: कुशल भूमि प्रशासन और शहरी नियोजन सतत् विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (ULPIN) की शुरूआत और भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण, भूमि प्रबंधन में सुधार एवं विवादों को कम करने की दिशा में उठाए गए कदम हैं। ये कदम भूमि अधिग्रहण को सुव्यवस्थित करते हैं और निवेश को बढ़ावा देते हैं।
- वित्तीय क्षेत्र में सुधार: आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए वित्तीय क्षेत्र को सुदृढ़ करना महत्वपूर्ण है। सरकार वित्तीय क्षेत्र के लिए भविष्य के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए एक रणनीति दस्तावेज जारी करने की योजना बना रही है, जिसमें इसके आकार, क्षमता और कौशल को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के नियमों को सरल बनाना तथा विदेशी निवेश के लिए भारतीय रुपये के उपयोग को बढ़ावा देना भी इस रणनीति का हिस्सा है।
- कर सुधार: केंद्रीय बजट 2024-25 में मध्यम वर्ग को कर राहत प्रदान करने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उपाय शामिल हैं।
- बुनियादी ढाँचा विकास: उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना का उद्देश्य प्रमुख क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करना और उत्पादन क्षमता बढ़ाना है। दीर्घकालिक विकास के लिए टिकाऊ बुनियादी ढांचे का विकास और हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना भी महत्त्वपूर्ण है।
- समावेशी विकास को बढ़ावा देना: यह सुनिश्चित करना कि आर्थिक विकास से समाज के सभी वर्गों को लाभ मिले, सतत् विकास के लिए आवश्यक है। मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने, गरीबी कम करने और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई सरकारी पहल समावेशी विकास प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इन प्रमुख सुधारों को लागू करके भारत 2047 तक 55 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
भारत में प्रमुख राष्ट्रीय घटनाक्रम: 27 जुलाई 2025
आज, 27 जुलाई 2025, भारत में कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय घटनाक्रम देखे गए, जिनमें महत्वपूर्ण स्मृतियों से लेकर सुरक्षा और राजनीतिक विकास तक शामिल हैं।
महत्वपूर्ण स्मृतियाँ और समारोह
- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि: आज भारत के पूर्व राष्ट्रपति, 'मिसाइल मैन' और भारत रत्न से सम्मानित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की 10वीं पुण्यतिथि थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें प्रेरक दूरदर्शी, उत्कृष्ट वैज्ञानिक, मार्गदर्शक और एक महान देशभक्त बताया, जिनके विचार भारत के युवाओं को एक विकसित और सशक्त भारत के निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं। अमित शाह ने उन्हें "एक दूरदर्शी नेता और जनता के राष्ट्रपति" के रूप में याद किया, जिनके योगदान ने नए भारत की नींव रखी। योगी आदित्यनाथ ने उनके जीवन को "सादगी, कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण" बताया, जो पूरे राष्ट्र के लिए एक दिव्य प्रेरणा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि डॉ. कलाम ने युवाओं को बड़े सपने देखना सिखाया और उन्हें साकार करने का मार्ग भी दिखाया। उनके निधन का कारण और स्थान (27 जुलाई 2015 को आईआईएम शिलांग में एक व्याख्यान के दौरान कार्डियक अरेस्ट) भी याद किया गया। इस अवसर पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा द्वारा 'कलाम को सलाम' अभियान भी शुरू किया गया।
- सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती: प्रधानमंत्री मोदी ने आज तमिलनाडु के अरियालुर जिले के गंगईकोंडा चोलपुरम में सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती पर आयोजित समारोह में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने राजेंद्र चोल प्रथम के सम्मान में एक स्मारक सिक्का भी जारी किया। प्रधानमंत्री ने चोल सम्राटों की 1,000 साल की विरासत और उनकी समुद्री यात्रा की सराहना की, इसे विकसित भारत के लिए एक रोड मैप बताया। उन्होंने चोलों की प्राचीन मतदान प्रणाली और आधुनिक भारत में इसकी प्रासंगिकता पर भी प्रकाश डाला।
- पीएम मोदी का 'मन की बात' प्रसारण: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह 11 बजे अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' का 124वां प्रसारण किया। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को सामूहिक रूप से सुनने की अपील लोगों से की। इस प्रसारण में अंतरिक्ष के प्रति बच्चों में बढ़ती जिज्ञासा और भारत में 200 से अधिक अंतरिक्ष स्टार्टअप के उदय पर प्रकाश डाला गया, जिसमें शुभांशु शुक्ला की अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से वापसी का भी जिक्र था।
सुरक्षा और आपदा प्रबंधन
- हरिद्वार मनसा देवी मंदिर में भगदड़: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में आज सुबह लगभग 9 बजे एक दुखद भगदड़ में कम से कम छह लोगों की मौत और कई अन्य घायल हो गए। यह घटना कथित तौर पर एक भीड़ के अचानक बढ़ने या एक उच्च-वोल्टेज बिजली के तार के मंदिर के रास्ते पर गिरने के कारण हुई जिससे भक्तों में घबराहट फैल गई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने एम्स ऋषिकेश और हरिद्वार के जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना और जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से भी मुलाकात की। इस घटना ने धार्मिक सभाओं में सुरक्षा चिंताओं को उजागर किया है, और आगे की जांच से अधिक जानकारी मिलने की संभावना है।
- देश के सभी स्कूलों का सुरक्षा ऑडिट: राजस्थान की एक दुखद घटना, जहाँ एक स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई, के बाद शिक्षा मंत्रालय ने देश के सभी स्कूलों में अनिवार्य सुरक्षा ऑडिट कराने के निर्देश जारी किए हैं। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इन निर्देशों को अनिवार्य बताया है। राजस्थान सरकार ने भी राजकीय स्कूल एवं भवनों, सड़कों के पुल की सुरक्षा समीक्षा के लिए एक विशेष स्थायी समिति का गठन किया है। यह समिति हर साल मई-जून महीने तक राजस्थान सरकार को स्कूल, कॉलेज, छात्रावास और सार्वजनिक भवनों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट देगी।
- दिल्ली में 'सुरक्षा चक्र अभ्यास' मॉक ड्रिल: दिल्ली-एनसीआर में आपदा से निपटने के लिए एक बड़ा मॉक ड्रिल, 'सुरक्षा चक्र अभ्यास', 29 जुलाई से 1 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा। दिल्ली सरकार के अनुसार, यह मॉक ड्रिल आपदा प्रबंधन योजना और अंतर-एजेंसी समन्वय में नए मानक स्थापित करेगा।
- अहमदाबाद विमान हादसा मुआवजा: एयर इंडिया ने अहमदाबाद विमान हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिजनों को ₹25 लाख की अंतरिम मुआवजा राशि देना शुरू कर दिया है। अब तक 147 परिवारों को मुआवजा दिया जा चुका है, साथ ही हादसा स्थल पर मारे गए 19 लोगों के परिजनों को भी यह भुगतान किया गया है। एयरलाइन के अनुसार, 52 अन्य परिवारों के दस्तावेजों का सत्यापन हो चुका है और उन्हें भी जल्द मुआवजा दिया जाएगा।
- ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के युवक पर नस्लवादी हमला: मेलबर्न में एक भारतीय मूल के युवक पर नस्लवादी हमला हुआ है, जिसमें उसे धारदार हथियार से गंभीर रूप से घायल किया गया।
राजनीति और शासन
- संसद रत्न पुरस्कार: लोकसभा में अपने अच्छे प्रदर्शन के लिए संसद के 17 सदस्यों को संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। चार सांसदों को विशेष जूरी अवॉर्ड के लिए भी चुना गया।
- ऑपरेशन सिंदूर पर संसदीय चर्चा: देश के रक्षा क्षेत्र और रणनीतिक उपलब्धियों से छात्रों का परिचय कराने के लिए NCERT स्कूली बच्चों के लिए एक विशेष शैक्षणिक मॉड्यूल तैयार करेगी। इसका उद्देश्य छात्रों को राष्ट्रीय सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और रक्षा क्षेत्र में वैज्ञानिक विकास जैसे विषयों को समझाना है। यह शैक्षणिक मॉड्यूल ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित होगा और इसके दो भाग होंगे: पहला भाग कक्षा 3 से 8 के लिए और दूसरा भाग कक्षा 9 से 12 के लिए होगा। सिलेबस में स्वदेशी रक्षा प्रणालियों जैसे आकाश मिसाइल, अत्याधुनिक ड्रोन वॉरफेयर और मल्टी-लेयर एयर डिफेंस सिस्टम्स के बारे में जानकारी दी जाएगी। सेना, नौसेना, वायुसेना के तालमेल पर भी शैक्षणिक मॉड्यूल में विशेष फोकस होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के शुरुआती वक्ताओं में शामिल होंगे। गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री जयशंकर भी सरकार की तरफ से शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी इस चर्चा में भाग लेने की संभावना है। 29 जुलाई को राज्यसभा में भी ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी।
- बिहार विधानसभा चुनाव और राजनीतिक घटनाक्रम: बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने साफ किया है कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में महुआ सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर भोजपुरी के महान लोक कलाकार भिखारी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की है। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने चार सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी का ऐलान किया, जिसकी अध्यक्षता अजय माकन करेंगे। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को जान से मारने की धमकी मिली है। राजद कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगाया गया है, जिसमें सृजन घोटाले से भी बड़ा महाघोटाला (₹70 हजार करोड़) बिहार में होने का दावा किया गया है।
- अन्य राजनीतिक घटनाक्रम: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। लखनऊ के बीबीडी थाना क्षेत्र में एक युवक ने आत्महत्या कर ली, जिसमें उसने अपनी जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया। दिल्ली के करोल बाग में एक दम्पति ने फांसी लगा ली। पंजाब के बढ़ते कर्ज के बोझ पर आर्थिक विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है, हालांकि राज्य सरकार वित्तीय प्रबंधन को सुदृढ़ बता रही है। मध्य प्रदेश में 2.1 लाख करोड़ रुपये के जैविक कपास घोटाले के आरोप को सरकार ने निराधार बताया है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में माओवादियों के साथ मुठभेड़ में चार माओवादी मारे गए।
- वंदे भारत एक्सप्रेस: उत्तर प्रदेश के हापुड़ में आज बीजेपी सांसद अरुण गोविल और राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह ट्रेन हापुड़ जंक्शन पर रुकेगी।
सैन्य और रणनीतिक घटनाक्रम
- लक्षद्वीप के बितरा आइलैंड का अधिग्रहण: भारतीय सेना की तैयारियों से जुड़े उद्देश्यों के लिए मोदी सरकार लक्षद्वीप के बितरा आइलैंड का अधिग्रहण करेगी। हिंद महासागर क्षेत्र में अपने सैन्य और सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के प्रयासों के हिस्से के तौर पर भारत सरकार की नजर लक्षद्वीप के इस सबसे छोटे आवासीय द्वीप पर है। यह लगभग 45 वर्ग किलोमीटर में फैला द्वीप है, जिसमें फिलहाल लगभग 350 निवासी रहते हैं। भारतीय सेना द्वारा इसके अधिग्रहण के बाद भी यहां के निवासियों को हटाया नहीं जाएगा। यह द्वीप देश का तीसरा सैन्य ठिकाना बन जाएगा, जिससे पहले कवरत्ती (INS Dweeprakshak) और मिनीकॉय (INS Jatayu) में भारतीय नौसेना के ठिकाने मौजूद हैं। यह कदम भारत की समुद्री सुरक्षा रणनीति में एक महत्वपूर्ण विस्तार को दर्शाता है।
- भारत-पाकिस्तान सीमा तनाव: भारत-पाकिस्तान सीमा पर मामूली झड़पें दर्ज की गईं, हालांकि अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रण में बताया। यह घटना इन दो परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच लगातार अंतर्निहित तनाव को उजागर करती है। जबकि इसे "मामूली" और "नियंत्रण में" बताया गया है, परमाणु शक्तियों के बीच किसी भी झड़प में वृद्धि का अंतर्निहित जोखिम होता है। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति एक नाजुक शांति और स्थिति के तेजी से बिगड़ने की संभावना का संकेत देती है, जिससे दोनों राष्ट्रों के लिए रक्षा व्यय की ओर महत्वपूर्ण संसाधनों का मोड़ होता है।
वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य: चुनौतियाँ और ध्रुवीकरण
27 जुलाई 2025 को अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य कई परस्पर विरोधी ताकतों से चिह्नित था, जिसमें बढ़ते संघर्ष, रणनीतिक प्रतिस्पर्धा और लगातार राजनयिक प्रयास शामिल थे, जो वैश्विक शक्ति गतिशीलता के जटिल जाल को आकार दे रहे थे।
संघर्ष और अस्थिरता
- पूर्वी यूरोप में बढ़ता संघर्ष: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पूर्वी यूरोपीय क्षेत्र में बढ़ते संघर्ष को संबोधित करने के लिए एक आपातकालीन सत्र बुलाया, जिसमें कई सदस्य राज्यों ने तत्काल युद्धविराम की वकालत की। इस उच्च-स्तरीय सत्र का आयोजन ही इस महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देता है, जो इसकी संभावित मानवीय और रणनीतिक ramifications के कारण गहन अंतरराष्ट्रीय जांच का विषय है। हालांकि, तत्काल, एकीकृत समाधान के बिना सत्र का मात्र आयोजन सुरक्षा परिषद के भीतर अंतर्निहित राजनयिक विभाजनों की ओर इशारा करता है। ऐसी स्थिति बताती है कि एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मध्यस्थता वाला समाधान जल्दी से अमल में आने की संभावना नहीं है, जो संभावित रूप से अस्थिरता को लंबा कर सकता है और मानवीय संकटों को बढ़ा सकता है। यह तब बहुपक्षीय संस्थानों की अंतर्निहित सीमाओं को भी रेखांकित करता है जब प्रमुख वैश्विक शक्तियों के पास विरोधाभासी एजेंडा होते हैं, एक ऐसी स्थिति जो अनजाने में एकतरफा कार्रवाई या प्रॉक्सी संघर्षों को प्रोत्साहित कर सकती है। इसके अतिरिक्त, एक बढ़ता हुआ संघर्ष, भले ही भौगोलिक रूप से सीमित हो, अक्सर महत्वपूर्ण स्पिलओवर प्रभाव पैदा करता है, जिसमें बड़े पैमाने पर शरणार्थी प्रवाह, महत्वपूर्ण व्यापार मार्गों का व्यवधान और पड़ोसी देशों में सैन्य खर्च में वृद्धि शामिल है। संयुक्त राष्ट्र की प्रत्यक्ष भागीदारी व्यापक क्षेत्रीय अस्थिरता की संभावना की स्वीकृति को दर्शाती है।
- दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यास: एक प्रमुख वैश्विक शक्ति ने दक्षिण चीन सागर में बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया, जिससे पड़ोसी देशों से कड़ी निंदा हुई और क्षेत्रीय तनाव काफी बढ़ गया। यह घटना इस महत्वपूर्ण समुद्री क्षेत्र में चल रहे क्षेत्रीय विवादों और तीव्र रणनीतिक प्रतिस्पर्धा की स्पष्ट याद दिलाती है। पड़ोसी राष्ट्रों द्वारा जारी की गई निंदा उनकी संप्रभुता या व्यापक क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक प्रत्यक्ष खतरे को दर्शाती है। ऐसे बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास, विशेष रूप से विवादित क्षेत्रों में, स्वाभाविक रूप से आकस्मिक मुठभेड़ों या इरादों की गलत व्याख्या की संभावना को बढ़ाते हैं। स्पष्ट "निंदा" क्षेत्रीय अभिनेताओं के बीच विश्वास और प्रभावी संचार चैनलों की गहन कमी का सुझाव देती है, जो गलत अनुमान के जोखिम को बढ़ाता है। यह परिदृश्य अनपेक्षित वृद्धि की संभावना को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाता है, जिससे तत्काल क्षेत्र से परे गंभीर आर्थिक और भू-राजनीतिक परिणामों के साथ एक सीधा टकराव हो सकता है। इस क्षेत्र में सीधा संघर्ष महत्वपूर्ण शिपिंग लेन को बाधित करेगा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यापक व्यवधान पैदा करेगा, जिससे कमोडिटी की कीमतों में अस्थिरता और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कैस्केडिंग प्रभाव पड़ेगा।
- थाईलैंड-कंबोडिया सीमा संघर्ष: अमेरिका की मध्यस्थता के बाद थाईलैंड और कंबोडिया तीन दिनों से चल रही सीमा पर हिंसक झड़पों पर विराम लगाने के लिए सहमत हो गए। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि दोनों देशों के नेताओं ने बातचीत के बाद युद्धविराम के लिए सहमति जताई। उन्होंने दोनों देशों को संभावित ट्रेड डील को लेकर चेतावनी भी दी कि अगर वे लड़ते रहे तो डील पर असर पड़ेगा। इस संघर्ष में कम से कम 34 लोगों की मौत हुई और 168,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए, जो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
- इजरायल-गाजा संघर्ष: इजरायली सैन्य अधिकारियों ने गाजा के कुछ हिस्सों में सहायता गलियारों की सुविधा के लिए "सामरिक विराम" की घोषणा की है, जो बढ़ती अंतरराष्ट्रीय दबाव और भुखमरी की चेतावनियों के बीच है। इजरायली सैन्य अधिकारियों ने यह भी बताया कि हमास द्वारा संयुक्त राष्ट्र सहायता की नियमित चोरी का कोई प्रमाण नहीं है, जो पहले के दावों का खंडन करता है और भविष्य की मानवीय सहायता प्रयासों को प्रभावित कर सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धविराम वार्ता विफल होने के बाद इजरायल से हमास के खिलाफ "काम खत्म करने" का आग्रह किया है, जो एक सख्त रुख का संकेत देता है। इस बीच, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने 24 जुलाई 2025 को घोषणा की कि फ्रांस फिलिस्तीन को मान्यता देगा, जिसे दो-राज्य समाधान के प्रति फ्रांस की ऐतिहासिक प्रतिबद्धता का हिस्सा बताया गया है। इस निर्णय ने विवादों को जन्म दिया है, जिसमें ट्रंप ने इस योजना को 25 जुलाई को खारिज कर दिया है, और यूके, जर्मनी, इटली और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने अनिच्छा दिखाई है।
- अफ्रीका और फिलीपींस में संघर्ष: अल-शबाब ने आत्मघाती बम विस्फोटों और भारी गोलीबारी के बाद सोमालिया के मध्य शहर महाअस पर कब्जा कर लिया, जिससे सरकार और मिलिशिया को पीछे हटना पड़ा। डीआरसी के इटुरी प्रांत में कमांडा पर एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेज के आतंकवादियों ने हमला किया, जिसमें 43 लोग मारे गए, जिनमें एक चर्च जागरण में 20 उपासक भी शामिल थे। फिलीपींस के उसोन, मासबेट में एक सैन्य अभियान में सात न्यू पीपल्स आर्मी गुरिल्ला मारे गए।
अंतर्राष्ट्रीय संबंध और गठबंधन
- मध्य पूर्व शांति प्रयास: मध्य पूर्व में संघर्षरत पक्षों के बीच शांति वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए नए राजनयिक प्रयास शुरू किए गए, हालांकि पिछली विफलताओं के इतिहास के कारण संदेह बना हुआ है। यह मध्य पूर्व में स्थायी अस्थिरता और एक स्थायी समाधान की निरंतर, यद्यपि चुनौतीपूर्ण, खोज को उजागर करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध और आर्थिक दबाव: राष्ट्रों के एक गठबंधन ने अपने निरंतर परमाणु कार्यक्रम विकास के जवाब में एक दुष्ट राज्य के खिलाफ नए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की घोषणा की। यह आर्थिक दबाव के माध्यम से प्रसार को रोकने के लिए एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रयास को दर्शाता है। जबकि प्रतिबंधों को व्यवहारिक परिवर्तन लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, उनकी प्रभावशीलता पर अक्सर बहस होती है। वे प्रतिशोधात्मक कार्यों, जैसे कि परिष्कृत साइबर हमलों को भी भड़का सकते हैं, या प्रतिबंधित राज्य को अन्य गैर-प्रतिबंध लगाने वाली शक्तियों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, जिससे नए भू-राजनीतिक गठबंधन बन सकते हैं।
- वैश्विक अंतरिक्ष दौड़ का तीव्र होना: कई राष्ट्रों ने अपने संबंधित अंतरिक्ष कार्यक्रमों में नए मील के पत्थर की घोषणा की, जिससे चंद्र और मंगल अन्वेषण के लिए वैश्विक अंतरिक्ष दौड़ तेज हो गई। अंतरिक्ष क्षमताओं में सैन्य टोही, सुरक्षित संचार और संभावित हथियारकरण के लिए महत्वपूर्ण दोहरे उपयोग की क्षमता है। "दौड़" की प्रकृति एक नए मोर्चे में रणनीतिक लाभ के लिए प्रतिस्पर्धा को दर्शाती है। अंतरिक्ष दौड़ का तीव्र होना बाहरी अंतरिक्ष में नए हथियार नियंत्रण चुनौतियों को जन्म दे सकता है और भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के नए रास्ते बना सकता है।
- भारत के राजनयिक जुड़ाव: भारत ने दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के साथ आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए उच्च-स्तरीय राजनयिक वार्ता की। यह भारत की "एक्ट ईस्ट" नीति के निरंतर कार्यान्वयन और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में इसके बढ़ते प्रभाव को रेखांकित करता है। दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के साथ संबंध मजबूत करना क्षेत्र में अन्य प्रमुख शक्तियों के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने में भारत के रणनीतिक हित को पूरा करता है, खासकर चल रहे दक्षिण चीन सागर तनावों के आलोक में।
- चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश का नया क्षेत्रीय समूह (SAARC विकल्प): चीन और पाकिस्तान दोनों मिलकर सार्क की जगह पर एक नया संगठन दक्षिण एशिया के लिए बनाना चाहते हैं। इस संगठन में भारत को नहीं शामिल करने की योजना है। इस पहल का उद्देश्य दक्षिण एशिया में भारत की वैध कूटनीतिक भूमिका को सीमित करना है और इस क्षेत्र के छोटे देशों को भी एक असहज असमंजस में डालना है। हालांकि, विशेषज्ञ इसे "एक असंभव कूटनीतिक कल्पना" बताते हैं। दक्षिण एशिया की समग्र संरचना इस प्रकार की है कि भारत को नज़रअंदाज़ करना अवास्तविक है तथा वह क्षेत्रीय सहयोग की किसी भी संभावित प्रक्रिया को अनिवार्य रूप से निष्क्रिय बना देता है। भारत न केवल भौगोलिक दृष्टि से क्षेत्र के मध्य में स्थित है, बल्कि वह आर्थिक, सैन्य, रणनीतिक और कूटनीतिक दृष्टि से भी निर्णायक भूमिका निभाता है। भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से 12 गुना बड़ी है, जनसंख्या 7 गुना अधिक है और विदेशी मुद्रा भंडार 45 गुना अधिक है। इसके अलावा, रक्षा व्यय में भी भारत पाकिस्तान से पांच गुना आगे है। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि भारत के बिना कोई भी क्षेत्रीय मंच शक्ति-संतुलन और स्थायित्व के आवश्यक मानकों को पूरा नहीं कर सकता।
- भारत की भूमिका केवल वर्चस्व आधारित नहीं रही है, जबकि क्षेत्रीय नेतृत्व की दृष्टि से भी उसने अनेक अवसरों पर जिम्मेदारीपूर्ण पहल की है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भारत द्वारा ‘वैक्सीन मैत्री’ कार्यक्रम के अंतर्गत बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, अफगानिस्तान जैसे देशों को प्राथमिकता के आधार पर टीके दिए गए। साल 2017 में भारत ने ‘साउथ एशिया सैटेलाइट’ लॉन्च किया, जिससे पाकिस्तान को छोड़कर सभी सार्क सदस्य लाभान्वित हुए। यह पहल ‘क्षेत्रीय सार्वजनिक हित’ (regional public good) के भारतीय दृष्टिकोण को रेखांकित करती है। भारत की भूमिका मात्र संख्यात्मक नहीं है, वह इस क्षेत्र का Geostrategic Anchor भी है। चाहे वह व्यापार मार्ग हो, कनेक्टिविटी परियोजनाएं, या आपदा प्रबंधन की संरचनाएं- भारत की सक्रिय भागीदारी के बिना कोई भी क्षेत्रीय ढांचा व्यवहारिक नहीं रह सकता। सार्क का निष्क्रिय होना इसी यथार्थ की एक स्पष्ट पुष्टि है।
- नेपाल, भूटान, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देश -जो भौगोलिक रूप से भारत से घिरे हैं- अपनी विदेश नीति में संतुलन बनाने की लगातार कोशिश करते रहे हैं। चीन द्वारा इन्हें एक अलग क्षेत्रीय मंच में शामिल करने की कोशिश इस संवेदनशील संतुलन को बिगाड़ सकती है। विशेषकर तब, जब इन देशों की अधिकांश आयात-निर्यात निर्भरता भारत पर ही है और कनेक्टिविटी से लेकर ऊर्जा साझेदारी तक की संरचनाएं भारतीय सहयोग पर आधारित हैं। यह कहना गलत न होगा कि ये देश चीन-पाकिस्तान की रणनीति का उपयोग भारत से बेहतर सौदेबाज़ी के लिए कर सकते हैं, किंतु वे दीर्घकालिक रूप से भारत-विरोधी ध्रुव में अपनी स्थिति नहीं चाहते। भारत के समक्ष यह स्पष्ट चुनौती है कि वह अपने पड़ोसियों को एक बार फिर यह विश्वास दिलाए कि भारत नेतृत्व करना चाहता है, प्रभुत्व नहीं। भारत को चाहिए कि वह BIMSTEC, IORA, और SCO जैसे अन्य मंचों में अपनी सक्रियता बनाए रखते हुए, सार्क को पुनर्जीवित करने की वास्तविक संभावना की तलाश भी करे, भले ही वह पाकिस्तान के बाहर ही क्यों न हो।
- पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच वीजा-मुक्त प्रवेश: पाकिस्तान और बांग्लादेश ने राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की, जिससे क्षेत्रीय संबंध मजबूत हुए।
वैश्विक आर्थिक और बाजार परिदृश्य: अनिश्चितता के बीच चुनौतियाँ
27 जुलाई 2025 को वैश्विक अर्थव्यवस्था ने लगातार मुद्रास्फीति के दबावों, साइबर सुरक्षा खतरों और महत्वपूर्ण व्यापारिक संबंधों को स्थिर करने के चल रहे प्रयासों के एक जटिल अंतर्संबंध को देखा, जबकि आपूर्ति श्रृंखलाओं और तकनीकी नवाचार में संरचनात्मक बदलावों से भी जूझ रही थी।
साइबर सुरक्षा जोखिम और वित्तीय अस्थिरता
एक परिष्कृत साइबर हमले ने कई प्रमुख वैश्विक वित्तीय संस्थानों को निशाना बनाया, जिससे अस्थायी व्यवधान हुए और क्षेत्र भर में साइबर सुरक्षा कमजोरियों के बारे में महत्वपूर्ण चिंताएं बढ़ीं। यह घटना साइबर युद्ध के बढ़ते खतरे और परस्पर जुड़े वैश्विक वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने की इसकी गहन क्षमता को रेखांकित करती है। "कई प्रमुख वैश्विक वित्तीय संस्थानों" पर हमला प्रणालीगत जोखिम पैदा करने की क्षमता वाले एक समन्वित प्रयास का संकेत देता है, न कि केवल अलग-थलग घटनाओं का। इससे अनिवार्य रूप से बढ़ी हुई नियामक जांच और पूरे वित्तीय क्षेत्र में बढ़ी हुई साइबर सुरक्षा उपायों की मांग बढ़ेगी। इस घटना से साइबर सुरक्षा बुनियादी ढांचे में निवेश की एक नई लहर और अधिक कड़े नियमों का कार्यान्वयन होने की संभावना है, जो वित्तीय संस्थानों के लिए परिचालन लागत बढ़ाएगा। यह परस्पर जुड़ी वैश्विक प्रणालियों की अंतर्निहित भेद्यता पर भी प्रकाश डालता है और निवेशक विश्वास में अस्थायी गिरावट या सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर बदलाव का कारण बन सकता है। हालांकि हमलावरों की पहचान नहीं की गई थी, परिष्कृत साइबर हमलों में अक्सर राज्य-प्रायोजित गतिविधि के लक्षण होते हैं। इस प्रकार का हमला प्रत्यक्ष सैन्य जुड़ाव का सहारा लिए बिना आर्थिक युद्ध या अस्थिरता के एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य कर सकता है। ऐसा साइबर हमला एक व्यापक भू-राजनीतिक रणनीति का अग्रदूत या एक अभिन्न अंग हो सकता है, जो चल रहे संघर्षों या प्रतिबंधों के imposition से जुड़ा हो। यह राज्य-पर-राज्य टकराव में एक नए मोर्चे का संकेत देता है, जहां आर्थिक व्यवधान एक प्राथमिक हथियार बन जाता है, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों और समग्र वैश्विक स्थिरता को प्रभावित करता है।
मुद्रास्फीति और मौद्रिक नीति
वैश्विक मुद्रास्फीति दरें लगातार उच्च बनी हुई हैं, जिससे प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रीय बैंकों को आगे ब्याज दर में वृद्धि पर विचार करना पड़ा है। लगातार उच्च मुद्रास्फीति आपूर्ति और मांग के बीच चल रहे असंतुलन या अर्थव्यवस्थाओं के भीतर गहरी संरचनात्मक समस्याओं को इंगित करती है। आगे दर वृद्धि पर विचार एक सख्त मौद्रिक नीति रुख का संकेत देता है, जो मुद्रास्फीति के दबाव को रोकने के लिए एक आवश्यक उपाय है। हालांकि, लगातार उच्च मुद्रास्फीति क्रय शक्ति को कम करती है और व्यापार परिचालन लागत को बढ़ाती है। आक्रामक ब्याज दर वृद्धि, हालांकि मुद्रास्फीति नियंत्रण के लिए आवश्यक है, उपभोक्ता और व्यवसायों दोनों के लिए उधार लेने की लागत बढ़ाकर आर्थिक विकास को बाधित कर सकती है, जिससे वैश्विक आर्थिक मंदी या यहां तक कि मंदी भी हो सकती है। यह परिदृश्य नीति निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण दुविधा प्रस्तुत करता है, जिन्हें आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के अनिवार्यता के साथ मुद्रास्फीति नियंत्रण को नाजुक ढंग से संतुलित करना होगा। ऐसी स्थितियाँ उपभोक्ता खर्च में कमी, निवेश में कमी और संभावित रूप से नौकरी के नुकसान का कारण बन सकती हैं, जो वैश्विक व्यापार की मात्रा और समग्र बाजार भावना को प्रभावित करेगा। इसके अलावा, यदि विभिन्न प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रीय बैंक भिन्न मौद्रिक नीतियों को अपनाते हैं – कुछ दूसरों की तुलना में अधिक आक्रामक रूप से दरों में वृद्धि करते हैं – तो इससे मुद्रा मूल्यों में महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव हो सकता है। ऐसी मुद्रा अस्थिरता सीधे व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रभावित करती है, जिससे निर्यात या आयात या तो अधिक महंगा या सस्ता हो जाता है, और कम आकर्षक ब्याज दरों वाली अर्थव्यवस्थाओं से पूंजी प्रवाह या पलायन को ट्रिगर कर सकता है। यह वैश्विक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने की चुनौती में एक और जटिलता जोड़ता है।
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान
रिपोर्टों से पता चला है कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान जारी हैं, जो विभिन्न उद्योगों में विनिर्माण और वितरण समय को प्रभावित कर रहे हैं। यह वैश्विक रसद और उत्पादन नेटवर्क की चल रही नाजुकता को उजागर करता है, जो दुनिया भर में व्यवसायों और उपभोक्ताओं को प्रभावित कर रहा है। लगातार व्यवधान कंपनियों को उत्पादन स्थानों में विविधता लाकर या पुनःshoring या nearshoring रणनीतियों के माध्यम से अपने आपूर्ति श्रृंखलाओं को जोखिम मुक्त करने के लिए तेजी से प्रोत्साहित कर रहे हैं। यह दृष्टिकोण दूरस्थ, संभावित अस्थिर क्षेत्रों पर निर्भरता कम करने का लक्ष्य रखता है। यह प्रवृत्ति वैश्विक विनिर्माण के महत्वपूर्ण पुनर्गठन का कारण बन सकती है, जिससे अल्पावधि में घरेलू अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिल सकता है, लेकिन उत्पादन लागत भी बढ़ सकती है। यह स्थापित वैश्विक व्यापार पैटर्न और निवेश प्रवाह को भी बदल सकता है, विशेष रूप से निर्यात-उन्मुख विनिर्माण पर अत्यधिक निर्भर देशों को प्रभावित कर सकता है। ये आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान परिवहन लागत में वृद्धि, देरी और घटकों की कमी के कारण सीधे मुद्रास्फीति के दबाव में योगदान करते हैं, जो सभी उत्पादन लागतों को बढ़ाते हैं। ये बढ़ी हुई लागत तब अक्सर उपभोक्ताओं को हस्तांतरित की जाती है, जो सीधे "लगातार उच्च" वैश्विक मुद्रास्फीति दरों में योगदान करती है और केंद्रीय बैंकों के कार्य को और भी चुनौतीपूर्ण बनाती है। यह एक फीडबैक लूप बनाता है जहां मुद्रास्फीति आर्थिक अस्थिरता का कारण और प्रभाव दोनों है।
व्यापार संबंध और प्रमुख अधिग्रहण
- अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता: अमेरिका और चीन के बीच उच्च-स्तरीय व्यापार वार्ता फिर से शुरू हुई, जिसका उद्देश्य लंबे समय से चले आ रहे विवादों को सुलझाना है। ये वैश्विक स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक संबंधों में से दो का प्रतिनिधित्व करते हैं, और इन क्षेत्रों में किसी भी प्रगति के पर्याप्त आर्थिक निहितार्थ हैं। इन प्रमुख व्यापारिक संबंधों में सकारात्मक विकास संरक्षणवादी प्रवृत्तियों के व्यापक पिघलने और वैश्विक स्तर पर खुले व्यापार के प्रति एक नवीनीकृत प्रतिबद्धता का संकेत दे सकता है। व्यापार बाधाओं और अनिश्चितताओं में कमी आर्थिक विकास को प्रोत्साहित कर सकती है, आपूर्ति श्रृंखला दक्षता में सुधार करके कुछ मुद्रास्फीति दबावों को कम कर सकती है, और निवेश बढ़ा सकती है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक बहुत आवश्यक सकारात्मक प्रेरणा मिल सकती है।
- ईयू-यूके ब्रेक्सिट-बाद व्यापार: यूरोपीय संघ और यूनाइटेड किंगडम ने अपने ब्रेक्सिट-बाद व्यापार विवादों को सुलझाने में महत्वपूर्ण प्रगति की घोषणा की। यह यूरोपीय आर्थिक स्थिरता और व्यापार संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है, जो दो प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करता है। इन व्यापार विवादों को सुलझाने से ब्रेक्सिट के बाद व्यवसायों और निवेशकों को परेशान करने वाली अनिश्चितता की एक महत्वपूर्ण परत हट जाती है। यह सकारात्मक कदम ईयू और यूके दोनों के लिए एक मजबूत आर्थिक दृष्टिकोण में योगदान कर सकता है, संभावित रूप से उच्च मुद्रास्फीति और आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों जैसे कुछ वैश्विक आर्थिक headwinds को कम कर सकता है।
- प्रमुख टेक कंपनी अधिग्रहण: एक प्रमुख टेक कंपनी ने एक अग्रणी AI स्टार्टअप के अधिग्रहण की घोषणा की, जो प्रौद्योगिकी क्षेत्र के भीतर निरंतर समेकन और तीव्र नवाचार का संकेत है। यह घटना तकनीकी उन्नति की तेज गति, विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में, और टेक उद्योग के भीतर शक्ति के बढ़ते केंद्रीकरण पर प्रकाश डालती है। ऐसे अधिग्रहण से अक्सर बाजार एकाग्रता बढ़ जाती है, जो प्रतिस्पर्धा और छोटे खिलाड़ियों से नवाचार को संभावित रूप से बाधित कर सकती है। AI में तीव्र उन्नति और समेकन अनिवार्य रूप से स्वचालन को गति देगा और श्रम बाजारों को फिर से आकार देगा। यह संभावित रूप से आर्थिक असमानता को बढ़ा सकता है यदि इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित नहीं किया जाता है।
- अमीरों की आबादी में वृद्धि: भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, लेकिन हम उन शीर्ष 10 देशों में शामिल नहीं हैं जहां अरबपतियों की संख्या सबसे तेजी से बढ़ रही है। इस सूची में भारत के साथ-साथ चीन और अमेरिका भी नहीं हैं।
जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय चुनौतियाँ: पृथ्वी पर बढ़ता दबाव
आज, 27 जुलाई 2025 को, जलवायु परिवर्तन के मोर्चे पर चिंताजनक रिपोर्टें सामने आईं, जो पृथ्वी पर बढ़ते दबाव और इसके वैश्विक निहितार्थों पर प्रकाश डालती हैं।
खतरे की सीमा के पार वैश्विक तापमान वृद्धि
"अर्थ सिस्टम साइंस डाटा" नामक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित ताजा विश्लेषण के अनुसार, वर्ष 2024 में मानवजनित वैश्विक तापमान वृद्धि 1.36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गई है। इससे औसत वैश्विक तापमान 1.52 डिग्री सेल्सियस हो गया है, जिसका अर्थ है कि पृथ्वी पहले ही उस खतरनाक तापमान सीमा को पार कर चुकी है जिसकी चेतावनी वैज्ञानिक समुदाय वर्षों से देता आ रहा है। इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से चेतावनी दी गई है कि जलवायु परिवर्तन के सबसे गंभीर प्रभावों से पूरी तरह बचना अब असंभव हो गया है। चाहे अत्यधिक तापमान हो, बाढ़ हो या समुद्र का बढ़ता स्तर – पृथ्वी के हर हिस्से पर इसका असर साफ दिखाई दे रहा है। यह स्थिति न केवल पर्यावरणीय बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्थिरता के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करती है।
घटता कार्बन बजट और उत्सर्जन नियंत्रण
सबसे महत्वपूर्ण खुलासों में से एक यह है कि दुनिया का कार्बन बजट – वह अधिकतम मात्रा जो हम बिना तापमान वृद्धि को नियंत्रित किए उत्सर्जित कर सकते हैं – मौजूदा उत्सर्जन दर पर तीन साल से भी कम समय में खत्म हो जाएगा। पेरिस समझौते के 1.5 डिग्री सेल्सियस लक्ष्य को बचाने के लिए जितनी कार्बन उत्सर्जित की जा सकती है, वह समय सीमा खत्म होने के करीब है। यह तत्काल और निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र के 197 सदस्य देशों की प्रतिबद्धताओं पर भी प्रकाश डाला गया:
- अभी तक केवल 25 देशों ने अपनी नई राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान योजनाएं (एनडीसीज) जमा की हैं।
- ये योजनाएं बताती हैं कि कोई देश ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को किस तरह कम करेगा और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल कैसे ढलेगा।
- ये 25 देश विश्व उत्सर्जन का केवल 20% प्रतिनिधित्व करते हैं।
- इसका मतलब है कि अब भी 172 देशों को अपनी जलवायु योजनाएं पेश करनी बाकी हैं।
- अफ्रीकी देशों में सिर्फ सोमालिया, जाम्बिया और जिम्बाब्वे ने अब तक अपनी योजनाएं प्रस्तुत की हैं।
यह वैश्विक समुदाय के भीतर जलवायु कार्रवाई पर समन्वय और इच्छाशक्ति की कमी को दर्शाता है, जो खतरे को और बढ़ा रहा है।
तीन प्रमुख वैश्विक संकट
रिपोर्ट के अनुसार दुनिया वर्तमान में तीन प्रमुख संकटों से जूझ रही है, जो जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों से सीधे जुड़े हैं:
- तेजी से घटता कार्बन बजट: जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, यह सबसे तात्कालिक और गंभीर खतरा है, जो तापमान वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए सीमित समय-सीमा पर जोर देता है।
- चरम मौसमी घटनाओं में वृद्धि: बाढ़, लू, जंगलों की आग और बेमौसम बारिश में भारी वृद्धि हो रही है। वर्षा का वितरण भी पूरी तरह असामान्य हो चुका है, जिससे कृषि और जल सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
- विकासशील देशों पर भारी जोखिम: विकासशील देश जलवायु परिवर्तन के भारी जोखिम में हैं, लेकिन उनके पास जलवायु संकट से निपटने की क्षमता सीमित है। यह एक बड़ी असमानता है जो वैश्विक न्याय और सहयोग के मुद्दों को उठाती है।
भारत की नवीकरणीय ऊर्जा प्रतिबद्धता
इन वैश्विक चिंताओं के बीच, भारत अपनी नवीकरणीय ऊर्जा प्रतिबद्धताओं के साथ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत ने 2030 तक महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। यह जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने और ऊर्जा स्वतंत्रता बढ़ाने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिससे वैश्विक जीवाश्म ईंधन बाजारों पर निर्भरता कम होती है। इन घटनाक्रमों से भारत की दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता और जलवायु झटकों के प्रति लचीलापन में महत्वपूर्ण योगदान मिलता है। नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफलता भारत को हरित प्रौद्योगिकी में एक नेता के रूप में स्थापित कर सकती है और महत्वपूर्ण हरित निवेश को आकर्षित कर सकती है, जिससे वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों के साथ तालमेल बिठाया जा सके। दीर्घकालिक विकास के लिए टिकाऊ बुनियादी ढांचे का विकास और हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना भी महत्वपूर्ण है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की उड़ान
आज, 27 जुलाई 2025, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की प्रगति को कई महत्वपूर्ण घटनाक्रमों से रेखांकित किया गया।
NISAR उपग्रह मिशन: एक वैश्विक साझेदारी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का संयुक्त मिशन, नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NISAR), बुधवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया जाएगा। यह दुनिया का सबसे महंगा पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है, जिसकी लागत 12,968 करोड़ रुपये (1.5 अरब डॉलर) है।
केंद्र सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस मिशन को भारत और विश्व के बीच एक महत्वपूर्ण "वैज्ञानिक साझेदारी" बताया। उन्होंने कहा कि यह मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विश्व बंधु' दृष्टिकोण को साकार करता है, जिसमें भारत मानवता के सामूहिक कल्याण में योगदान देता है। इसरो और नासा के बीच पहला संयुक्त पृथ्वी अवलोकन मिशन होने के नाते, यह भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग और इसरो के अंतरराष्ट्रीय सहयोग में एक ऐतिहासिक क्षण है।
NISAR केवल भारत और अमेरिका की सेवा नहीं करेगा, बल्कि दुनिया भर के देशों के लिए डेटा मुहैया कराएगा, विशेष रूप से आपदा प्रबंधन, कृषि और जलवायु निगरानी जैसे क्षेत्रों में। यह मिशन भूस्खलन, भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी में मदद करेगा, जिससे बेहतर चेतावनी प्रणाली और प्रतिक्रिया प्रयासों में सहायता मिलेगी। कृषि में, यह फसल की स्थिति, मिट्टी की नमी और जल संसाधनों की निगरानी करके खाद्य सुरक्षा में सुधार कर सकता है। जलवायु निगरानी के लिए, यह बर्फ की चादरों, ग्लेशियरों और समुद्र के स्तर में परिवर्तन को ट्रैक करेगा, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझने और कम करने के लिए महत्वपूर्ण है।
मिशन की एक प्रमुख विशेषता यह है कि NISAR में दर्ज होने वाला डेटा अवलोकन के एक से दो दिनों के भीतर स्वतंत्र रूप से सुलभ हो जाएगा, और आपात स्थिति में लगभग वास्तविक समय में उपलब्ध हो सकेगा। यह त्वरित डेटा उपलब्धता नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों और आपदा राहत एजेंसियों को सूचित निर्णय लेने और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाएगी। इसके अतिरिक्त, भारत ने अपने महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन के हिस्से के रूप में एक नए उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है, जो उसके अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह सफलता भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में प्रगति और इस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में इसकी बढ़ती क्षमताओं को उजागर करती है।
डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप क्रांति
NISAR मिशन के अलावा, डिजिटल इंडिया पहल भारत में प्रौद्योगिकी अपनाने और नवाचार को बढ़ावा देने में एक परिवर्तनकारी शक्ति रही है। इसने न केवल शासन को बढ़ाया है, बल्कि देश में 150,000 से अधिक स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा दिया है, जिससे 1.5 मिलियन से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं। यह पहल भारत के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र में एक क्रांति ला रही है, जिससे यह एक वैश्विक नवाचार केंद्र के रूप में उभर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात' प्रसारण में भारत में 200 से अधिक अंतरिक्ष स्टार्टअप के उदय पर भी प्रकाश डाला गया, जो देश के भीतर वैज्ञानिक और तकनीकी उद्यमशीलता की बढ़ती भावना को दर्शाता है।
निष्कर्ष: एक बहुआयामी भविष्य की ओर अग्रसर भारत
आज, 27 जुलाई 2025, का दिन वैश्विक परिदृश्य में जटिल चुनौतियों, आर्थिक कमजोरियों और तकनीकी प्रगति के परस्पर क्रिया से चिह्नित था। पूर्वी यूरोप में बढ़ते संघर्ष और दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यासों ने लगातार अंतरराष्ट्रीय विभाजनों और वृद्धि के बढ़े हुए जोखिम को उजागर किया, जिसका वैश्विक व्यापार और स्थिरता पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। लगातार उच्च मुद्रास्फीति और केंद्रीय बैंकों की प्रतिक्रियाएं एक चुनौतीपूर्ण आर्थिक दृष्टिकोण का संकेत देती हैं, जिसमें संभावित मंदी और मुद्रा अस्थिरता की आशंका है। साइबर हमलों का व्यापक खतरा परस्पर जुड़े वित्तीय प्रणालियों की नाजुकता और आर्थिक युद्ध के नए रूपों के उद्भव को रेखांकित करता है।
इन वैश्विक बाधाओं के बीच, भारत मजबूत घरेलू मांग और रणनीतिक बुनियादी ढांचे के विकास से प्रेरित उल्लेखनीय आर्थिक लचीलापन प्रदर्शित करता है। विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसके सक्रिय नीति सुधार, दक्षिण पूर्व एशिया में मुखर राजनयिक जुड़ाव और अंतरिक्ष कार्यक्रम में प्रगति, विशेष रूप से NISAR जैसे मिशन के साथ, भारत के बढ़ते प्रभाव और तकनीकी कौशल को सुदृढ़ करते हैं। जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संक्रमण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता, NISAR जैसे मिशन, और डिजिटल इंडिया जैसी पहलें भारत के बहुआयामी दृष्टिकोण को दर्शाती हैं।
संक्षेप में, भारत के सतत् आर्थिक विकास के मार्ग पर एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें मानव पूँजी विकास, तकनीकी प्रगति, श्रम बाजार सुधार, कुशल भूमि और संपत्ति प्रबंधन, वित्तीय क्षेत्र को मजबूत बनाना, कर सरलीकरण, टिकाऊ बुनियादी ढाँचे का विकास एवं समावेशी विकास पर निरंतर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। इन प्रमुख सुधारों को लागू करके भारत 2047 तक 55 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है, जो एक स्थायी और समृद्ध भविष्य की ओर एक कदम है।
27 जुलाई, 2025 की खबरों के आधार पर 100 प्रश्न और उनके उत्तर
यहाँ 27 जुलाई, 2025 की खबरों के आधार पर 100 प्रश्न और उनके उत्तर दिए गए हैं:
भारत की आर्थिक चुनौतियाँ और सुधार (2025)
प्रश्न: भारत 2025 में प्रवेश करते हुए किन प्रमुख चुनौतियों का सामना कर रहा है?
उत्तर: जैसे-जैसे भारत 2025 में प्रवेश कर रहा है, इसकी विकास यात्रा आशाजनक होने के बावजूद विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही है, जिनका सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुधारों के माध्यम से समाधान किया जाना आवश्यक है।
प्रश्न: पिछले तीन वित्तीय वर्षों में भारत की GDP वृद्धि दर क्या रही है?
उत्तर: पिछले तीन वित्तीय वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसमें वित्त वर्ष 2022 में 8.7%, वित्त वर्ष 2023 में 7.2%, और वित्त वर्ष 2024 में 8.2% की वृद्धि दर दर्ज की गई है।
प्रश्न: वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में भारत की GDP वृद्धि दर में गिरावट का क्या कारण रहा?
उत्तर: वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में GDP वृद्धि दर 5.4% तक धीमी हो गई, जिसे वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, घरेलू मुद्रास्फीति और सतर्क निजी क्षेत्र के निवेश के संयोजन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया।
प्रश्न: IMF के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में भारत के राजकोषीय घाटे में क्या अनुमानित गिरावट हुई है और सार्वजनिक ऋण पर इसका क्या प्रभाव पड़ा है?
उत्तर: IMF के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में राजकोषीय घाटे में GDP के 6.4% से 5.9% तक की अनुमानित गिरावट से सार्वजनिक ऋण GDP के लगभग 83% पर स्थिर हो जाएगा, जो स्थिरता का एक आशाजनक संकेतक है।
प्रश्न: केंद्रीय बजट 2023-24 में पूँजीगत निवेश के लिए कितनी राशि आवंटित की गई थी?
उत्तर: केंद्रीय बजट 2023-24 में पूँजीगत निवेश के लिए ₹10 लाख करोड़ आवंटित किए गए, जो सकल घरेलू उत्पाद का 3.3% है।
प्रश्न: राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP) का क्या लक्ष्य है?
उत्तर: राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP) का लक्ष्य 2025 तक बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं में 111 लाख करोड़ रुपये का निवेश करना है, जिसमें ऊर्जा, सड़क, रेलवे और शहरी विकास जैसे क्षेत्र शामिल होंगे।
प्रश्न: भारत के आर्थिक परिदृश्य के लिए भू-राजनीतिक प्रतिकूलताएँ क्या जोखिम पैदा करती हैं?
उत्तर: वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ, जैसे अमेरिकी नीति में बदलाव और भू-राजनीतिक तनाव, अतिरिक्त जोखिम उत्पन्न करते हैं। अमेरिकी आर्थिक नीतियों में परिवर्तन भारत की अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं, साथ ही वैश्विक व्यापार गतिशीलता और कमोडिटी की कीमतें भी भारत की मुद्रास्फीति और विकास संभावनाओं को प्रभावित कर सकती हैं।
प्रश्न: हाल ही में RBI की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट ने परिवारों की शुद्ध वित्तीय बचत के बारे में क्या चिंता व्यक्त की है?
उत्तर: RBI की नवीनतम वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट से पता चलता है कि परिवारों की शुद्ध वित्तीय बचत वित्त वर्ष 2023 में सकल घरेलू उत्पाद के 5.3% तक गिर गई, जो वित्त वर्ष 2022 में 7.3% थी, और पिछले दशक के 8% औसत से अत्यधिक कम है।
प्रश्न: RBI ने राज्यों द्वारा व्यय में वृद्धि के संबंध में किन विशिष्ट चिंताओं पर प्रकाश डाला है?
उत्तर: RBI ने कृषि ऋण माफी और नकद हस्तांतरण सहित विभिन्न सब्सिडी पर राज्यों द्वारा व्यय में तीव्र वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है।
प्रश्न: वस्तु एवं सेवा कर (GST) ने भारतीय अर्थव्यवस्था में क्या बदलाव लाए हैं?
उत्तर: GST ने देश को एकल बाजार में एकीकृत कर दिया है, कर संरचना को सरल बना दिया है और राजस्व संग्रह को बढ़ावा दिया है।
प्रश्न: वित्त वर्ष 2023-24 में GST का औसत मासिक संग्रह कितना रहा?
उत्तर: वित्त वर्ष 2023-24 में GST संग्रह बढ़कर 20.18 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो औसत मासिक 1.68 लाख करोड़ रुपये है।
प्रश्न: डिजिटल इंडिया पहल ने भारतीय अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन में कैसे योगदान दिया है?
उत्तर: डिजिटल इंडिया पहल एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम है, जिसने विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी अपनाने और नवाचार को बढ़ावा दिया है। इसने न केवल शासन को बढ़ाया है, बल्कि 150,000 से अधिक स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा दिया है, जिससे 1.5 मिलियन से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं।
प्रश्न: प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) का वित्तीय समावेशन पर क्या प्रभाव पड़ा है?
उत्तर: PMJDY ने बैंकिंग सेवाओं तक पहुँच को बदल दिया है, जिसके अंतर्गत अक्टूबर 2024 तक 53 करोड़ से अधिक खाते खोले गए। इसने पहले बैंकिंग सुविधा से वंचित रहे लाखों व्यक्तियों को औपचारिक वित्तीय दायरे में ला दिया है, जिससे आर्थिक असमानता कम हुई है।
प्रश्न: नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बहुआयामी गरीबी से कितने लोग बाहर निकले हैं?
उत्तर: नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 2013-14 और 2022-23 के बीच 24.82 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकल आए हैं।
प्रश्न: वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का बाजार प्रदर्शन कैसा रहा और इसने निवेशक विश्वास को कैसे प्रभावित किया?
उत्तर: भारत का बाजार प्रदर्शन असाधारण रहा है, जिसमें बेंचमार्क सूचकांक वित्त वर्ष 2023-24 में कम अस्थिरता बनाए रखते हुए 28% बढ़े हैं। इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है, महत्वपूर्ण विदेशी निवेश आकर्षित हुआ है तथा अर्थव्यवस्था और मजबूत हुई है।
प्रश्न: भारत में सतत आर्थिक विकास के लिए मानव पूँजी विकास में निवेश क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: श्रम उत्पादकता और समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मानव पूँजी में निवेश करना महत्वपूर्ण है। इसमें शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ाना और बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल तक पहुँच सुनिश्चित करना शामिल है।
प्रश्न: वैश्विक मानव पूँजी रिपोर्ट में भारत की मानव संसाधन पूँजी के संबंध में क्या उजागर किया गया है?
उत्तर: वैश्विक मानव पूँजी रिपोर्ट में भारत की मानव संसाधन पूँजी में सुधार की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है, जो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए आवश्यक है।
प्रश्न: सतत आर्थिक विकास के लिए तकनीकी प्रगति का क्या महत्व है?
उत्तर: उत्पादकता बढ़ाने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाना महत्वपूर्ण है। प्रौद्योगिकी तत्परता बढ़ाने से विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता में सुधार करके आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है।
प्रश्न: भारत में निवेश आकर्षित करने और रोजगार सृजन के लिए श्रम बाजार सुधारों में क्या आवश्यक है?
उत्तर: निवेश आकर्षित करने और रोजगार सृजन के लिए श्रम कानूनों में सुधार कर उन्हें अधिक लोचशील एवं उद्योग-अनुकूल बनाना आवश्यक है।
प्रश्न: श्रम बाजार सुधारों में ई-श्रम पोर्टल का क्या उद्देश्य है?
उत्तर: ई-श्रम पोर्टल जैसे प्लेटफार्मों के एकीकरण का उद्देश्य श्रमिकों को रोजगार और कौशल अवसरों सहित व्यापक सेवाएँ प्रदान करना है।
प्रश्न: कुशल भूमि प्रशासन और शहरी नियोजन सतत विकास के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं?
उत्तर: कुशल भूमि प्रशासन और शहरी नियोजन सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
प्रश्न: भूमि प्रबंधन में सुधार और विवादों को कम करने के लिए कौन से कदम उठाए गए हैं?
उत्तर: विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (ULPIN) की शुरूआत और भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण, भूमि प्रबंधन में सुधार एवं विवादों को कम करने की दिशा में उठाए गए कदम हैं।
प्रश्न: आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए वित्तीय क्षेत्र को सुदृढ़ करने हेतु सरकार की क्या योजना है?
उत्तर: सरकार वित्तीय क्षेत्र के लिए भविष्य के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए एक रणनीति दस्तावेज जारी करने की योजना बना रही है, जिसमें इसके आकार, क्षमता और कौशल को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
प्रश्न: वित्तीय क्षेत्र में सुधारों के तहत विदेशी निवेश के लिए क्या उपाय प्रस्तावित हैं?
उत्तर: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के नियमों को सरल बनाना तथा विदेशी निवेश के लिए भारतीय रुपये के उपयोग को बढ़ावा देना भी इस रणनीति का हिस्सा है।
प्रश्न: केंद्रीय बजट 2024-25 में कर सुधारों का क्या उद्देश्य है?
उत्तर: केंद्रीय बजट 2024-25 में मध्यम वर्ग को कर राहत प्रदान करने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उपाय शामिल हैं।
प्रश्न: उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना का क्या उद्देश्य है?
उत्तर: उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना का उद्देश्य प्रमुख क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करना और उत्पादन क्षमता बढ़ाना है।
प्रश्न: दीर्घकालिक विकास के लिए बुनियादी ढाँचा विकास में किन पहलुओं पर जोर दिया गया है?
उत्तर: दीर्घकालिक विकास के लिए टिकाऊ बुनियादी ढाँचे का विकास और हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना भी महत्वपूर्ण है।
प्रश्न: समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए कौन सी सरकारी पहलें महत्वपूर्ण हैं?
उत्तर: मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने, गरीबी कम करने और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई सरकारी पहलें समावेशी विकास प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
प्रश्न: भारत 2047 तक किस आर्थिक लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है?
उत्तर: भारत 2047 तक 55 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है, यदि उल्लिखित प्रमुख सुधारों को लागू किया जाए।
जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण
प्रश्न: 'अर्थ सिस्टम साइंस डाटा' पत्रिका में प्रकाशित ताजा विश्लेषण के अनुसार, 2024 में मानवजनित वैश्विक तापमान वृद्धि कितनी हुई है?
उत्तर: 'अर्थ सिस्टम साइंस डाटा' नामक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित ताजा विश्लेषण के अनुसार, वर्ष 2024 में मानवजनित वैश्विक तापमान वृद्धि 1.36 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गई है।
प्रश्न: इस विश्लेषण के अनुसार, औसत वैश्विक तापमान कितना हो गया है और इसका क्या निहितार्थ है?
उत्तर: इस विश्लेषण के अनुसार, औसत वैश्विक तापमान 1.52 डिग्री सेल्सियस हो गया है, जिसका अर्थ है कि पृथ्वी पहले ही उस खतरनाक तापमान सीमा को पार कर चुकी है जिसे पार नहीं करने की चेतावनी वैज्ञानिक समुदाय वर्षों से देता आ रहा है।
प्रश्न: 'कार्बन बजट' क्या है और मौजूदा उत्सर्जन दर पर यह कब तक खत्म हो जाएगा?
उत्तर: 'कार्बन बजट' वह अधिकतम मात्रा है जो हम बिना तापमान वृद्धि को नियंत्रित किए उत्सर्जित कर सकते हैं। मौजूदा उत्सर्जन दर पर यह तीन साल से भी कम समय में खत्म हो जाएगा।
प्रश्न: रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के कितने सदस्य देशों ने अपनी नई राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान योजनाएं (NDCs) जमा की हैं और वे विश्व उत्सर्जन का कितना प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं?
उत्तर: रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के 197 सदस्य देशों में से अभी तक केवल 25 देशों ने अपनी नई राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान योजनाएं (NDCs) जमा की हैं। ये 25 देश विश्व उत्सर्जन का केवल 20% प्रतिनिधित्व करते हैं।
प्रश्न: अफ्रीका के किन देशों ने अपनी जलवायु योजनाएँ प्रस्तुत की हैं?
उत्तर: अफ्रीकी देशों में सिर्फ सोमालिया, जाम्बिया और जिम्बाब्वे ने अब तक अपनी योजनाएँ प्रस्तुत की हैं।
प्रश्न: रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के सामने तीन प्रमुख संकट क्या हैं?
उत्तर: रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया तीन प्रमुख संकटों से जूझ रही है:
- तेजी से घटता कार्बन बजट।चरम मौसमी घटनाओं जैसे बाढ़, लू, जंगलों की आग और बेमौसम बारिश में भारी वृद्धि। विकासशील देशों का जलवायु परिवर्तन के भारी जोखिम में होना, जिनके पास इससे निपटने की क्षमता सीमित है।
अंतरिक्ष और विज्ञान
प्रश्न: NISAR क्या है और इसे कब और कहाँ से लॉन्च किया जाएगा?
उत्तर: NISAR (नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का एक संयुक्त मिशन है। इसे बुधवार, 27 जुलाई 2025 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शाम 5:40 बजे GSLV मार्क-द्वितीय रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा।
प्रश्न: NISAR मिशन की लागत कितनी है और यह किस प्रकार का उपग्रह है?
उत्तर: NISAR मिशन की लागत 12,968 करोड़ रुपये (1.5 अरब डॉलर) है। यह दुनिया का सबसे महंगा पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है।
प्रश्न: केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने NISAR मिशन को कैसे परिभाषित किया है?
उत्तर: जितेंद्र सिंह ने कहा है कि NISAR केवल एक उपग्रह नहीं, बल्कि भारत की विश्व के साथ वैज्ञानिक साझेदारी है। यह मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विश्व बंधु' दृष्टिकोण को साकार करता है, जिसमें भारत मानवता के सामूहिक कल्याण में योगदान देता है।
प्रश्न: NISAR मिशन दुनिया भर के देशों के लिए किस प्रकार उपयोगी होगा?
उत्तर: NISAR न केवल भारत और अमेरिका की सेवा करेगा, बल्कि दुनिया भर के देशों के लिए डेटा मुहैया कराएगा, विशेष रूप से आपदा प्रबंधन, कृषि और जलवायु निगरानी जैसे क्षेत्रों में।
प्रश्न: NISAR में दर्ज डेटा की पहुँच और उपलब्धता कैसी होगी?
उत्तर: मिशन की एक प्रमुख विशेषता यह है कि NISAR में दर्ज होने वाला डेटा अवलोकन के एक से दो दिनों के भीतर स्वतंत्र रूप से सुलभ हो जाएगा, और आपात स्थिति में लगभग वास्तविक समय में उपलब्ध हो सकेगा।
प्रश्न: 27 जुलाई 2025 को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में कौन सी महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई?
उत्तर: भारत ने अपने महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन के हिस्से के रूप में एक नया उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जो उसके अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
प्रश्न: 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में किन प्रवृत्तियों का उल्लेख किया?
उत्तर: अपने 'मन की बात' प्रसारण में, पीएम मोदी ने शुभ्रांशु शुक्ला के ISS से लौटने का उल्लेख किया, और बच्चों के बीच अंतरिक्ष जिज्ञासा में वृद्धि और भारत में 200 से अधिक अंतरिक्ष स्टार्टअप्स के उदय को नोट किया।
राष्ट्रीय घटनाक्रम (27 जुलाई, 2025)
प्रश्न: 27 जुलाई 2025 को किन 17 सांसदों को संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया?
उत्तर: संसद के 17 सदस्यों को लोकसभा में उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इनमें सुप्रिया सुले, रवि किशन, निशिकांत दुबे आदि शामिल हैं।
प्रश्न: राजस्थान की घटना के बाद शिक्षा मंत्रालय ने क्या निर्देश जारी किए हैं?
उत्तर: राजस्थान की घटना (स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत) के बाद शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूलों में अनिवार्य सुरक्षा ऑडिट कराने के निर्देश जारी किए हैं।
प्रश्न: अहमदाबाद विमान हादसे में एयर इंडिया ने कितने परिवारों को अंतरिम मुआवजा दिया है?
उत्तर: एयर इंडिया ने अहमदाबाद विमान हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिजनों को ₹25 लाख की अंतरिम मुआवजा राशि देना शुरू कर दिया है। अब तक 147 परिवारों को मुआवजा दिया जा चुका है, साथ ही हादसा स्थल पर मारे गए 19 लोगों के परिजनों को भी भुगतान किया गया है।
प्रश्न: किस भाजपा सांसद ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर भिखारी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की है?
उत्तर: भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर भोजपुरी के महान लोक कलाकार भिखारी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की है।
प्रश्न: तेज प्रताप यादव ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए क्या घोषणा की है?
उत्तर: बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने ऐलान किया है कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में महुआ सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे।
प्रश्न: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने क्या तैयारी की है?
उत्तर: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने चार सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी का ऐलान किया है, जिसकी अध्यक्षता अजय माकन करेंगे।
प्रश्न: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ का क्या कारण बताया गया है और कितने लोग हताहत हुए?
उत्तर: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुई एक दुखद भगदड़ में कम से कम छह लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए। यह घटना भीड़ के अचानक बढ़ने के कारण हुई, संभवतः एक उच्च-वोल्टेज बिजली के तार के मंदिर के रास्ते पर गिरने से घबराहट फैल गई।
प्रश्न: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) 'ऑपरेशन सिंदूर' पर क्या शैक्षणिक मॉड्यूल तैयार करेगी?
उत्तर: NCERT स्कूली बच्चों के लिए एक विशेष शैक्षणिक मॉड्यूल तैयार करेगी, जिसका उद्देश्य छात्रों को राष्ट्रीय सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और रक्षा क्षेत्र में वैज्ञानिक विकास जैसे विषयों को समझाना है। यह मॉड्यूल 'ऑपरेशन सिंदूर' पर आधारित होगा और इसके दो भाग होंगे: कक्षा 3 से 8 के लिए और कक्षा 9 से 12 के लिए।
प्रश्न: भारतीय सेना के उद्देश्यों के लिए लक्षद्वीप के किस द्वीप का अधिग्रहण किया जाएगा?
उत्तर: भारतीय सेना की तैयारियों से जुड़े उद्देश्यों के लिए मोदी सरकार लक्षद्वीप के बितरा आइलैंड का अधिग्रहण करेगी।
प्रश्न: 27 जुलाई 2025 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की कौन सी पुण्यतिथि मनाई गई?
उत्तर: 27 जुलाई 2025 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की 10वीं पुण्यतिथि मनाई गई।
प्रश्न: प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. कलाम को उनकी पुण्यतिथि पर कैसे श्रद्धांजलि दी?
उत्तर: प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. कलाम को प्रेरक दूरदर्शी, उत्कृष्ट वैज्ञानिक और महान देशभक्त बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण अनुकरणीय था और उनके विचार भारत के युवाओं को एक विकसित और सशक्त भारत के निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं।
प्रश्न: 27 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री मोदी कहाँ के दौरे पर रहे और किस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम में शिरकत की?
उत्तर: 27 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री मोदी तमिलनाडु के दौरे पर रहे, जहाँ वे अरियालुर जिले के गंगईकोंडा चोलपुरम पहुँचे। उन्होंने सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में शिरकत की।
प्रश्न: प्रधानमंत्री मोदी ने राजेंद्र चोल प्रथम के सम्मान में क्या जारी किया?
उत्तर: प्रधानमंत्री मोदी ने राजेंद्र चोल प्रथम के सम्मान में एक स्मारक सिक्का जारी किया।
प्रश्न: 27 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री मोदी का कौन सा 'मन की बात' कार्यक्रम प्रसारित हुआ?
उत्तर: 27 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' का 124वां प्रसारण हुआ।
प्रश्न: दिल्ली-एनसीआर में आपदा से निपटने के लिए कौन सा मॉक ड्रिल आयोजित किया जा रहा है?
उत्तर: दिल्ली-एनसीआर में आपदा से निपटने के लिए 29 जुलाई से 1 अगस्त तक 'सुरक्षा चक्र अभ्यास' मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा।
प्रश्न: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को किस तरह की धमकी मिली है?
उत्तर: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को जान से मारने की धमकी मिली है। अपराधियों ने फोन करके धमकी दी है कि उन्हें 24 घंटे में जान से मार देंगे।
प्रश्न: बिहार की राजनीति में किस घोटाले को लेकर पोस्टर वार जारी है?
उत्तर: राजद कार्यालय के बाहर लगाए गए एक पोस्टर में दावा किया गया है कि सृजन घोटाले से भी बड़ा 'महाघोटाला' बिहार में हुआ है, जिसमें CAG रिपोर्ट के अनुसार 70 हजार करोड़ रुपये का घोटाला शामिल है।
प्रश्न: 27 जुलाई 2025 को हापुड़ जंक्शन से किस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया?
उत्तर: उत्तर प्रदेश के हापुड़ में भाजपा सांसद अरुण गोविल और राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
प्रश्न: 27 जुलाई 2025 को ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के किस युवक पर नस्लवादी हमला हुआ?
उत्तर: ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के सौरभ आनंद पर नस्लवादी हमला हुआ है, जिसमें उन्हें धारदार हथियार से गंभीर रूप से घायल किया गया।
प्रश्न: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले किस आयोग के गठन की घोषणा की है?
उत्तर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक सफाई कर्मचारी आयोग के गठन की घोषणा की है, जिसमें ट्रांसजेंडर सदस्य भी शामिल होंगे।
प्रश्न: मध्य प्रदेश में जैविक कपास घोटाले के आरोपों पर सरकार का क्या रुख रहा?
उत्तर: सरकार ने मध्य प्रदेश में ₹2.1 लाख करोड़ के जैविक कपास घोटाले के आरोपों को निराधार बताया, APEDA के जैविक मानकों के कठोर प्रवर्तन पर जोर देते हुए।
प्रश्न: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में माओवाद विरोधी अभियान में कितने माओवादी मारे गए?
उत्तर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक मुठभेड़ में चार माओवादी मारे गए हैं, जो तेज माओवाद विरोधी अभियानों का हिस्सा है।
अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम (27 जुलाई, 2025)
प्रश्न: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर हिंसक झड़पों को रोकने के लिए किसने मध्यस्थता की?
उत्तर: अमेरिका की मध्यस्थता के बाद थाईलैंड और कंबोडिया सीमा पर हिंसक झड़पों पर विराम लगाने के लिए राजी हो गए हैं, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका भी बताई गई है।
प्रश्न: इजरायल ने गाजा के कुछ हिस्सों में मानवीय सहायता के लिए क्या घोषणा की है?
उत्तर: इजरायल ने बढ़ती दबाव और भुखमरी की चेतावनी के बीच गाजा के कुछ हिस्सों में सहायता गलियारों को सुविधाजनक बनाने के लिए 'सामरिक विराम' (tactical pause) की घोषणा की है। इजरायली सेना के अधिकारियों ने यह भी कहा कि उनके पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि हमास नियमित रूप से संयुक्त राष्ट्र की सहायता चुराता था, जो पिछली दावों के विपरीत है।
प्रश्न: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल-हमास संघर्ष पर क्या बयान दिया है?
उत्तर: डोनाल्ड ट्रंप ने संघर्ष विराम वार्ता विफल होने के बाद इजरायल से "काम खत्म करने" (finish the job) का आग्रह किया है।
प्रश्न: फ्रांस ने किस देश को मान्यता देने की योजना की घोषणा की है?
उत्तर: फ्रांस ने सितंबर 2025 में फिलिस्तीन राज्य को आधिकारिक तौर पर मान्यता देने की घोषणा की है, ऐसा करने वाला वह पहला G7 देश बन जाएगा।
प्रश्न: 27 जुलाई 2025 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक किस मुद्दे पर बुलाई गई?
उत्तर: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक पूर्वी यूरोपीय क्षेत्र में बढ़ते संघर्ष को संबोधित करने के लिए बुलाई गई थी, जिसमें कई सदस्य देशों ने तत्काल युद्धविराम की वकालत की।
प्रश्न: दक्षिण चीन सागर में किस गतिविधि से क्षेत्रीय तनाव बढ़ा है?
उत्तर: एक प्रमुख वैश्विक शक्ति द्वारा दक्षिण चीन सागर में बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किए गए, जिससे पड़ोसी देशों द्वारा कड़ी निंदा की गई और क्षेत्रीय तनाव काफी बढ़ गया।
प्रश्न: 27 जुलाई 2025 को वैश्विक वित्तीय संस्थानों पर किस प्रकार का हमला हुआ?
उत्तर: कई प्रमुख वैश्विक वित्तीय संस्थानों को निशाना बनाते हुए एक परिष्कृत साइबर हमला हुआ, जिससे अस्थायी व्यवधान हुए और साइबर सुरक्षा कमजोरियों के बारे में महत्वपूर्ण चिंताएँ बढ़ीं।
प्रश्न: वैश्विक मुद्रास्फीति दरें कैसी रहीं और केंद्रीय बैंकों की क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर: वैश्विक मुद्रास्फीति दरें लगातार उच्च बनी रहीं, जिससे प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रीय बैंकों को आगे ब्याज दरें बढ़ाने पर विचार करना पड़ा।
प्रश्न: वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों का क्या प्रभाव पड़ा है?
उत्तर: रिपोर्टों से विभिन्न उद्योगों में विनिर्माण और डिलीवरी समय को प्रभावित करते हुए लगातार वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों का संकेत मिला।
प्रश्न: 27 जुलाई 2025 को अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता का क्या परिणाम रहा?
उत्तर: अमेरिका और चीन के बीच उच्च-स्तरीय व्यापार वार्ता फिर से शुरू हुई, जिसका उद्देश्य लंबे समय से चले आ रहे विवादों को हल करना था।
प्रश्न: यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने ब्रेक्सिट के बाद के व्यापार विवादों को हल करने में क्या प्रगति की?
उत्तर: यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने अपने ब्रेक्सिट के बाद के व्यापार विवादों को हल करने में प्रगति की घोषणा की।
प्रश्न: एक प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी ने किस क्षेत्र में अधिग्रहण की घोषणा की है?
उत्तर: एक प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी ने एक अग्रणी AI स्टार्टअप के अधिग्रहण की घोषणा की, जो प्रौद्योगिकी क्षेत्र के भीतर निरंतर समेकन और तीव्र नवाचार का संकेत है।
प्रश्न: भारत-पाकिस्तान सीमा पर 27 जुलाई 2025 को क्या स्थिति रही?
उत्तर: भारत-पाकिस्तान सीमा पर छोटी-मोटी झड़पों की सूचना मिली, हालांकि अधिकारियों ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में रही।
प्रश्न: कौन से देश सार्क की जगह एक नया क्षेत्रीय संगठन बनाने की योजना बना रहे हैं, और इसमें भारत की क्या स्थिति है?
उत्तर: चीन और पाकिस्तान दोनों मिलकर सार्क की जगह पर एक नया संगठन दक्षिण एशिया के लिए बनाना चाहते हैं, और इस योजना में भारत को शामिल नहीं करने की परिकल्पना है।
प्रश्न: 2016 के उरी आतंकी हमले के बाद सार्क की स्थिति क्या है?
उत्तर: 2016 में उरी आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा इस्लामाबाद में आयोजित प्रस्तावित शिखर सम्मेलन से अलग होने के साथ ही सार्क की गतिविधियां लगभग निष्क्रिय हो गई हैं।
प्रश्न: कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भारत ने अपने पड़ोसी देशों के लिए क्या पहल की?
उत्तर: कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भारत द्वारा ‘वैक्सीन मैत्री’ कार्यक्रम के अंतर्गत बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, अफगानिस्तान जैसे देशों को प्राथमिकता के आधार पर टीके दिए गए।
प्रश्न: किस वर्ष भारत ने 'साउथ एशिया सैटेलाइट' लॉन्च किया और इससे किसे लाभ हुआ?
उत्तर: साल 2017 में भारत ने ‘साउथ एशिया सैटेलाइट’ लॉन्च किया, जिससे पाकिस्तान को छोड़कर सभी सार्क सदस्य लाभान्वित हुए।
प्रश्न: छोटे दक्षिण एशियाई देश (जैसे नेपाल, भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश) चीन-पाकिस्तान की क्षेत्रीय रणनीति में किस प्रकार भाग लेंगे?
उत्तर: ये देश चीन-पाकिस्तान की रणनीति का उपयोग भारत से बेहतर सौदेबाज़ी के लिए कर सकते हैं, किंतु वे दीर्घकालिक रूप से भारत-विरोधी ध्रुव में अपनी स्थिति नहीं चाहते।
प्रश्न: कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में किस आतंकवादी समूह ने चर्च पर हमला किया?
उत्तर: DRC के इतुरी प्रांत के कोमांडा में संबद्ध लोकतांत्रिक बल (Allied Democratic Forces) के आतंकवादियों ने हमला किया, जिसमें 43 लोग मारे गए, जिनमें एक चर्च जागरण में 20 उपासक भी शामिल थे।
प्रश्न: फिलीपींस में सैन्य अभियान में कितने न्यू पीपुल्स आर्मी गुरिल्ला मारे गए?
उत्तर: फिलीपींस के उसन, मसबाते में एक सैन्य अभियान में सात न्यू पीपुल्स आर्मी गुरिल्ला मारे गए।
प्रश्न: पाकिस्तान और बांग्लादेश ने क्षेत्रीय संबंधों को मजबूत करने के लिए क्या समझौता किया है?
उत्तर: पाकिस्तान और बांग्लादेश ने राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की है, जिससे क्षेत्रीय संबंध मजबूत होंगे।
प्रश्न: चीन किस नदी पर दुनिया के सबसे बड़े जलविद्युत बांध का निर्माण कर रहा है और इसके क्या निहितार्थ हैं?
उत्तर: चीन तिब्बत में यारलुंग त्सांगपो नदी पर दुनिया के सबसे बड़े जलविद्युत बांध का निर्माण कर रहा है, जिससे भारत और बांग्लादेश के लिए निचले इलाकों में पर्यावरणीय और भू-राजनीतिक चिंताएं बढ़ गई हैं।
प्रश्न: रूस ने सुरक्षा चिंताओं के कारण अपने नौसेना दिवस समारोहों में क्या बदलाव किए?
उत्तर: रूस ने चल रहे यूक्रेनी ड्रोन हमलों के कारण सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए सेंट पीटर्सबर्ग, कैलिनिनग्राद और व्लादिवोस्तोक में अपने नौसेना दिवस समारोहों को कम कर दिया।
अन्य महत्वपूर्ण खबरें
प्रश्न: 27 जुलाई 2025 को मिशिगन वॉलमार्ट में चाकू से हमला किसने किया और कितने लोग घायल हुए?
उत्तर: मिशिगन के एक वॉलमार्ट में हुए यादृच्छिक चाकू हमले में 11 लोग घायल हुए, और हमलावर हिरासत में है।
प्रश्न: भारतीय मूल के किस सर्जन को डोनाल्ड ट्रंप ने सिंगापुर में अमेरिकी राजदूत के रूप में नामित किया है?
उत्तर: भारतीय मूल के सर्जन अंजनी सिन्हा को डोनाल्ड ट्रंप ने सिंगापुर में अमेरिकी राजदूत के रूप में नामित किया है।
प्रश्न: हैदराबाद में हुए फर्टिलिटी स्कैम में कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया?
उत्तर: हैदराबाद में एक फर्टिलिटी स्कैम में आठ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें एक माँ-बेटे की जोड़ी द्वारा संचालित शिशु-बिक्री का ऑपरेशन शामिल था।
प्रश्न: रजनीकांत की आगामी तमिल फिल्म 'कूली' ने अमेरिकी प्रीमियर के अग्रिम-बिक्री में कितना राजस्व पार किया है?
उत्तर: रजनीकांत की आगामी तमिल फिल्म 'कूली' ने अमेरिकी प्रीमियर के अग्रिम-बिक्री में $500,000 को पार कर लिया है।
प्रश्न: MLC 2025 का खिताब किस क्रिकेट टीम ने जीता?
उत्तर: MI न्यू यॉर्क ने MLC 2025 का खिताब जीता, जिसमें रुशिल उगार्कर एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरे।
प्रश्न: 27 जुलाई 2025 को मैनचेस्टर टेस्ट में भारत बनाम इंग्लैंड के चौथे दिन का खेल कैसे समाप्त हुआ?
उत्तर: भारत-इंग्लैंड के बीच चौथे मुकाबले में चौथे दिन स्टंप तक भारत ने 174/2 रन बनाए। शुभमन गिल 78 और केएल राहुल 87 रन पर नाबाद रहे, और भारत अभी इंग्लैंड की लीड से 137 रन पीछे था।
प्रश्न: इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने टेस्ट क्रिकेट में क्या नया रिकॉर्ड बनाया है?
उत्तर: इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स टेस्ट क्रिकेट में 7000+ रन और 200+ विकेट लेने वाले दुनिया के तीसरे खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले वेस्टइंडीज के गैरी सोबर्स और दक्षिण अफ्रीका के जैक कैलिस ने यह उपलब्धि हासिल की थी।
प्रश्न: 27 जुलाई 2025 को बेल्जियम ग्रां प्री किसने जीता?
उत्तर: ऑस्कर पियास्त्री ने बारिश के कारण विलंबित बेल्जियम ग्रां प्री जीता, उन्होंने लैंडो नॉरिस को पछाड़ दिया।
प्रश्न: 27 जुलाई 2025 को टूर डी फ्रांस में कौन आगे चल रहा है?
उत्तर: तादेज पोगैकर टूर डी फ्रांस का नेतृत्व कर रहे हैं।
प्रश्न: Qubic क्रिप्टोकरेंसी खनन नेटवर्क में क्या चिंता पैदा कर रहा है?
उत्तर: Qubic अब Monero के खनन नेटवर्क के 40% से अधिक को नियंत्रित करता है, जिससे क्रिप्टोकरेंसी खनन में संभावित केंद्रीकरण के बारे में चिंताएँ बढ़ गई हैं।
प्रश्न: 27 जुलाई 2025 को सोने की कीमतें किस वजह से स्थिर रहने की उम्मीद थी?
उत्तर: सोने की कीमतें आगामी अमेरिकी फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ जापान की बैठकों के कारण स्थिर रहने की उम्मीद थी, साथ ही ट्रंप की टैरिफ समय सीमा को लेकर अनिश्चितता भी थी।
प्रश्न: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव में अपने दौरे के दौरान भारत और मालदीव के संबंधों के बारे में क्या कहा?
उत्तर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा लिया और कहा कि भारत और मालदीव के बीच गहरी साझेदारी है, जो आपसी सम्मान और साझा मूल्यों पर आधारित है।
प्रश्न: 27 जुलाई 2025 को वैश्विक अर्थव्यवस्था में कौन सी महत्वपूर्ण उभरती प्रवृत्तियाँ देखी गईं?
उत्तर: 27 जुलाई 2025 को वैश्विक परिदृश्य में भू-राजनीति, प्रौद्योगिकी और आर्थिक स्थिरता का गहरा संबंध देखा गया, जिसमें हाइब्रिड युद्ध (hybrid warfare) और आर्थिक कूटनीति (economic statecraft) अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्राथमिक उपकरण के रूप में उभरे। जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संक्रमण भी महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक कारक बन रहे हैं।
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