प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह के दौरान भारत की महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष योजनाओं की घोषणा की, जिसमें 2035 तक एक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और 2040 तक चंद्रमा पर एक मानवयुक्त लैंडिंग शामिल है। भारती अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) नामक अंतरिक्ष स्टेशन को पांच मॉड्यूल में बनाया जाएगा, जिसका पहला मॉड्यूल 2028 तक लॉन्च होगा। चंद्रमा की महत्वाकांक्षाओं में 2027-2028 तक चंद्रयान-4 नमूना वापसी मिशन और 2040 तक शिव शक्ति बिंदु के पास एक चालक दल का चंद्र लैंडिंग शामिल है। मोदी ने निजी क्षेत्र को पांच साल में पांच अंतरिक्ष यूनिकॉर्न बनाने और 2030 तक सालाना 5 से 50 रॉकेट लॉन्च तक की अपनी लॉन्च क्षमता बढ़ाने के लिए भी चुनौती दी। ये घोषणाएं इसरो की पहली गैर-मानवयुक्त गगनयान मिशन की तैयारी के साथ हुई हैं, जिसमें 80% परीक्षण पहले ही पूरे हो चुके हैं।
शीर्षक: अंतरिक्ष में भारत का ऐतिहासिक छलांग: 2035 तक अपना स्टेशन और 2040 तक चंद्रमा पर मानव मिशन!
नई दिल्ली: भारत ने अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नए, स्वर्ण युग की शुरुआत की घोषणा की है, जिसमें महत्वाकांक्षी योजनाएँ शामिल हैं जो देश को वैश्विक अंतरिक्ष शक्तियों की अग्रिम पंक्ति में धकेल देंगी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह के दौरान 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने और 2040 तक चंद्रमा पर एक मानव मिशन भेजने की भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता का अनावरण किया है। ये घोषणाएँ सिर्फ़ वादे नहीं हैं, बल्कि यह भारतीय वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों और देश की तकनीकी प्रगति में बढ़ते आत्मविश्वास का प्रमाण है।
भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन: 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' (BAS) का उदय
प्रधान मंत्री मोदी ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के भव्य समारोह में भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन मॉड्यूल मॉडल का अनावरण करते हुए इन ऐतिहासिक लक्ष्यों की घोषणा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि "भारत सेमी-क्रायोजेनिक इंजन और इलेक्ट्रिक प्रणोदन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जल्द ही, भारतीय वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों के कारण, भारत गगनयान मिशन लॉन्च करेगा और आने वाले वर्षों में, भारत अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन भी स्थापित करेगा," यह प्रधान मंत्री कार्यालय के अनुसार है।
यह योजनाबद्ध कक्षीय प्रयोगशाला, जिसे 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' (Bharatiya Antariksh Station - BAS) के नाम से जाना जाएगा, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने स्पष्ट किया है कि अंतरिक्ष स्टेशन की समय-सीमा पहले के कुछ रिपोर्टों द्वारा सुझाए गए 2025 के बजाय 2035 तक बढ़ा दी गई है। पहला मॉड्यूल 2028 तक लॉन्च किया जाएगा, और पूरी पांच-मॉड्यूल स्टेशन 2035 तक चालू हो जाएगी। यह समय-सीमा भारत के यथार्थवादी और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है।
BAS-01: स्वदेशी क्षमताओं का प्रतीक
अनावरण किया गया BAS-01 मॉड्यूल लगभग 10 टन वजनी होगा और 450 किलोमीटर की ऊंचाई पर कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह मॉड्यूल कई स्वदेशी प्रणालियों से लैस होगा, जिसमें पर्यावरण नियंत्रण और जीवन समर्थन प्रणाली (Environmental Control and Life Support System - ECLSS) और भारत डॉकिंग सिस्टम (Bharat Docking System) शामिल हैं। इन स्वदेशी प्रणालियों का विकास भारत की आत्मनिर्भरता और तकनीकी नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह उपलब्धि भारत को उन चुनिंदा देशों के समूह में स्थापित कर देगी जो अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन और चीन के तियांगोंग स्टेशन के साथ अपने स्वयं के कक्षीय प्रयोगशालाओं का संचालन कर रहे हैं। यह भारत के लिए एक गौरवशाली क्षण होगा, जो उसे वैश्विक अंतरिक्ष मंच पर एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा।
चंद्रमा के लिए महत्वाकांक्षाएँ: 2040 तक मानव लैंडिंग
भारत की चंद्रमा अन्वेषण की महत्वाकांक्षाएँ भी उतनी ही साहसी और दूरगामी हैं। भारत का चंद्र अन्वेषण रोडमैप 2040 तक एक मानवयुक्त चंद्र लैंडिंग का लक्ष्य रखता है। यह सिर्फ़ एक मिशन नहीं, बल्कि एक श्रृंखला का हिस्सा है जो भारत को चंद्रमा पर अपनी उपस्थिति स्थापित करने में मदद करेगा।
इस रोडमैप में एक महत्वपूर्ण कदम चंद्रयान-4 नमूना वापसी मिशन है, जिसके 2027-2028 की समय-सीमा में लॉन्च होने की उम्मीद है। इस मिशन का लक्ष्य चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल 'शिव शक्ति पॉइंट' के पास से लगभग 3 किलोग्राम चंद्र नमूने एकत्र करना है। यह वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए अमूल्य होगा और भविष्य के मानव मिशनों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। नारायणन ने इस लक्ष्य के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि "2040 तक, भारत न केवल चंद्रमा पर उतरेगा बल्कि सुरक्षित रूप से नमूने भी वापस लाएगा। उस समय, हमारा अंतरिक्ष कार्यक्रम दुनिया की किसी भी अग्रणी अंतरिक्ष एजेंसी के बराबर होगा," यह एक स्पष्ट संकेत है कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
निजी क्षेत्र की चुनौती और भागीदारी
प्रधान मंत्री मोदी ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को एक नाटकीय विस्तार के लिए चुनौती दी है, यह पूछते हुए कि क्या अगले पांच वर्षों के भीतर पांच अंतरिक्ष यूनिकॉर्न (Space Unicorns) उभर सकते हैं और क्या देश अपनी वर्तमान पांच प्रमुख लॉन्च प्रति वर्ष की संख्या को 2030 तक 50 रॉकेट प्रति वर्ष तक बढ़ा सकता है। यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है जो निजी क्षेत्र को नवाचार और विकास के लिए प्रेरित करेगा।
प्रधान मंत्री ने यह भी नोट किया कि वर्तमान में 350 से अधिक स्टार्टअप पहले से ही अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विकास में भाग ले रहे हैं। यह आंकड़ा भारत के अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र में बढ़ती गतिशीलता और उद्यमशीलता भावना को दर्शाता है। निजी क्षेत्र की भागीदारी न केवल नवाचार को बढ़ावा देगी बल्कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की गति और पैमाने को भी बढ़ाएगी।
गगनयान और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
ये घोषणाएँ ऐसे समय में आई हैं जब ISRO अपने पहले मानवरहित गगनयान मिशन की तैयारी कर रहा है, जो दिसंबर में निर्धारित है, और जिसके लिए 80% आवश्यक परीक्षण पहले ही पूरे हो चुके हैं। गगनयान मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम का आधारशिला है, और इसकी सफलता BAS और चंद्र मिशनों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी।
प्रधान मंत्री मोदी ने हाल ही में ग्रुप कैप्टन शुभंशु शुक्ला से भी मुलाकात की, जिन्होंने इसी महीने एक्सिओम-4 मिशन के हिस्से के रूप में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत का झंडा फहराया था। यह मुलाकात भारत के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में उसकी बढ़ती भूमिका को दर्शाती है।
निष्कर्ष: अंतरिक्ष में भारत का भविष्य उज्ज्वल है
संक्षेप में, भारत ने अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए एक अत्यंत महत्वाकांक्षी और सुविचारित रोडमैप प्रस्तुत किया है। 2035 तक अपने स्वयं के अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण और 2040 तक चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने का लक्ष्य भारत को वैश्विक अंतरिक्ष मंच पर एक अग्रणी शक्ति के रूप में स्थापित करने की देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सेमी-क्रायोजेनिक इंजन और इलेक्ट्रिक प्रणोदन जैसी सफल तकनीकों में तेजी से प्रगति, साथ ही निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी, भारत को इन महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अच्छी स्थिति में रखती है।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर की गई ये घोषणाएँ केवल बयान नहीं हैं, बल्कि यह भारत के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और उद्यमियों के लिए एक चुनौती और प्रेरणा है। यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में एक नया अध्याय लिख रहा है, जो भविष्य में मानवजाति के लिए नई खोजों और संभावनाओं को खोलेगा। भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम अब केवल पृथ्वी की निचली कक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ब्रह्मांड के गहरे रहस्यों को उजागर करने और मानवता के भविष्य को आकार देने के लिए तैयार है।
50 प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1: भारत ने अपनी महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष स्टेशन योजनाओं की घोषणा कब की?
उत्तर 1: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह के दौरान भारत की अंतरिक्ष स्टेशन योजनाओं की घोषणा की।
प्रश्न 2: भारत किस वर्ष तक अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने का लक्ष्य रखता है?
उत्तर 2: भारत 2035 तक अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने का लक्ष्य रखता है।
प्रश्न 3: भारत के नियोजित कक्षीय प्रयोगशाला का क्या नाम है?
उत्तर 3: भारत के नियोजित कक्षीय प्रयोगशाला का नाम भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) है।
प्रश्न 4: भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का पहला मॉड्यूल कब तक लॉन्च होने की उम्मीद है?
उत्तर 4: भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का पहला मॉड्यूल 2028 तक लॉन्च होने की उम्मीद है।
प्रश्न 5: पूर्ण भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन में कुल कितने मॉड्यूल होंगे?
उत्तर 5: पूर्ण भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन में पांच मॉड्यूल होंगे।
प्रश्न 6: भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के प्रारंभिक मॉड्यूल, BAS-01, का अनुमानित वजन कितना होगा?
उत्तर 6: BAS-01 का अनुमानित वजन लगभग 10 टन होगा।
प्रश्न 7: भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन कितनी ऊंचाई पर परिक्रमा करेगा?
उत्तर 7: भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन 450 किलोमीटर की ऊंचाई पर परिक्रमा करेगा।
प्रश्न 8: BAS-01 में कौन सी स्वदेशी प्रणालियाँ शामिल होंगी?
उत्तर 8: इसमें पर्यावरण नियंत्रण और जीवन समर्थन प्रणाली (Environmental Control and Life Support System) और भारत डॉकिंग प्रणाली (Bharat Docking System) सहित स्वदेशी प्रणालियाँ शामिल होंगी।
प्रश्न 9: भारत किन अन्य देशों के समूह में शामिल होगा जिनके पास कक्षीय प्रयोगशालाएँ हैं?
उत्तर 9: भारत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन और चीन के तियांगोंग स्टेशन का संचालन करने वाले देशों के समूह में शामिल होगा।
प्रश्न 10: प्रधानमंत्री मोदी ने किन अभूतपूर्व प्रौद्योगिकियों में भारत की तेजी से प्रगति का उल्लेख किया?
उत्तर 10: प्रधानमंत्री मोदी ने अर्ध-क्रायोजेनिक इंजन (semi-cryogenic engines) और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन (electric propulsion) जैसी अभूतपूर्व प्रौद्योगिकियों का उल्लेख किया।
प्रश्न 11: भारत का मानवयुक्त चंद्र लैंडिंग मिशन किस वर्ष तक का लक्ष्य रखता है?
उत्तर 11: भारत का मानवयुक्त चंद्र लैंडिंग मिशन 2040 तक का लक्ष्य रखता है।
प्रश्न 12: चंद्रयान-4 मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर 12: चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य लगभग 3 किलोग्राम चंद्र नमूने एकत्र करना है।
प्रश्न 13: चंद्रयान-4 मिशन किस समयावधि में लॉन्च होने की उम्मीद है?
उत्तर 13: चंद्रयान-4 मिशन 2027-2028 के समय-सीमा में लॉन्च होने की उम्मीद है।
प्रश्न 14: चंद्रयान-4 किस स्थान के पास से चंद्र नमूने एकत्र करने का लक्ष्य रखता है?
उत्तर 14: चंद्रयान-4 शिव शक्ति बिंदु (Shiv Shakti point) के पास से चंद्र नमूने एकत्र करने का लक्ष्य रखता है, जो चंद्रयान-3 का लैंडिंग स्थल है।
प्रश्न 15: ISRO के अध्यक्ष वी. नारायणन के अनुसार, 2040 तक भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम किस स्तर पर होगा?
उत्तर 15: 2040 तक, भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम दुनिया की किसी भी अग्रणी अंतरिक्ष एजेंसी के बराबर होगा।
प्रश्न 16: प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र को क्या दोहरी चुनौती दी?
उत्तर 16: प्रधानमंत्री मोदी ने निजी अंतरिक्ष क्षेत्र को पांच वर्षों के भीतर पांच अंतरिक्ष यूनिकॉर्न बनाने और 2030 तक प्रति वर्ष पांच प्रमुख लॉन्च से 50 रॉकेट प्रति वर्ष तक लॉन्च क्षमता बढ़ाने की चुनौती दी।
प्रश्न 17: वर्तमान में कितनी स्टार्टअप कंपनियाँ भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विकास में भाग ले रही हैं?
उत्तर 17: वर्तमान में 350 से अधिक स्टार्टअप कंपनियाँ अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विकास में भाग ले रही हैं।
प्रश्न 18: ISRO का पहला मानवरहित गगनयान मिशन कब निर्धारित है?
उत्तर 18: ISRO का पहला मानवरहित गगनयान मिशन दिसंबर में निर्धारित है।
प्रश्न 19: मानवरहित गगनयान मिशन के लिए कितने प्रतिशत आवश्यक परीक्षण पूरे हो चुके हैं?
उत्तर 19: मानवरहित गगनयान मिशन के लिए 80% आवश्यक परीक्षण पूरे हो चुके हैं।
प्रश्न 20: प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में किस अंतरिक्ष यात्री से मुलाकात की थी?
उत्तर 20: प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में ग्रुप कैप्टन शुभंशु शुक्ला से मुलाकात की थी।
प्रश्न 21: ग्रुप कैप्टन शुभंशु शुक्ला ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर क्या कार्य किया था?
उत्तर 21: ग्रुप कैप्टन शुभंशु शुक्ला ने इसी महीने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत का झंडा फहराया था।
प्रश्न 22: ग्रुप कैप्टन शुभंशु शुक्ला किस अंतर्राष्ट्रीय मिशन का हिस्सा थे?
उत्तर 22: ग्रुप कैप्टन शुभंशु शुक्ला एक्सिओम-4 (Axiom-4) मिशन का हिस्सा थे।
प्रश्न 23: राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह कहाँ आयोजित किए गए थे जहाँ ये घोषणाएँ की गईं?
उत्तर 23: राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह नई दिल्ली में आयोजित किए गए थे।
प्रश्न 24: प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को किस रूप में वर्णित किया?
उत्तर 24: प्रधानमंत्री मोदी ने इसे देश की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में एक साहसिक छलांग (bold leap) के रूप में वर्णित किया।
प्रश्न 25: ISRO के वर्तमान अध्यक्ष कौन हैं?
उत्तर 25: वी. नारायणन ISRO के वर्तमान अध्यक्ष हैं।
प्रश्न 26: भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का संक्षिप्त नाम BAS क्या दर्शाता है?
उत्तर 26: BAS का अर्थ भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (Bharatiya Antariksh Station) है।
प्रश्न 27: ISRO के अध्यक्ष ने किस गलत समय-सीमा के सुझाव को स्पष्ट किया था?
उत्तर 27: ISRO के अध्यक्ष वी. नारायणन ने स्पष्ट किया कि पूर्ण पांच-मॉड्यूल स्टेशन 2035 तक चालू होगा, न कि 2025 तक जैसा कि कुछ रिपोर्टों में सुझाया गया था।
प्रश्न 28: 2040 तक, भारत का चंद्र अन्वेषण रोडमैप चंद्रमा के संबंध में क्या दो प्रमुख लक्ष्य रखता है?
उत्तर 28: भारत का चंद्र अन्वेषण रोडमैप 2040 तक चंद्रमा पर उतरने और सुरक्षित रूप से नमूने वापस लाने का लक्ष्य रखता है।
प्रश्न 29: प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार, भारतीय वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों से किन प्रौद्योगिकियों में उन्नति हुई है?
उत्तर 29: प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार, भारतीय वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों से अर्ध-क्रायोजेनिक इंजन (semi-cryogenic engines) और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन (electric propulsion) जैसी अभूतपूर्व प्रौद्योगिकियों में उन्नति हुई है।
प्रश्न 30: भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की घोषणा के साथ और किस मॉडल का अनावरण किया गया?
उत्तर 30: घोषणा के साथ भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन मॉड्यूल मॉडल का भी अनावरण किया गया।
प्रश्न 31: भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण की प्रक्रिया को कैसे पूरा किया जाएगा?
उत्तर 31: भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन 34: शुभंशु शुक्ला को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर किस मिशन के हिस्से के रूप में भेजा गया था?
उत्तर 34: शुभंशु शुक्ला को एक्सिओम-4 (Axiom-4) मिशन के हिस्से के रूप में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा गया था।
प्रश्न 35: प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र से किस तरह के विस्तार का आह्वान किया?
उत्तर 35: प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र से नाटकीय विस्तार (dramatic expansion) का आह्वान किया।
प्रश्न 36: भारत वर्तमान में प्रति वर्ष कितने प्रमुख रॉकेट लॉन्च करता है?
उत्तर 36: भारत वर्तमान में प्रति वर्ष पांच प्रमुख रॉकेट लॉन्च करता है।
प्रश्न 37: भारत के चंद्र अन्वेषण रोडमैप में मानवयुक्त चंद्र लैंडिंग से पहले एक महत्वपूर्ण मध्यवर्ती कदम क्या है?
उत्तर 37: एक महत्वपूर्ण मध्यवर्ती कदम चंद्रयान-4 नमूना वापसी मिशन है।
प्रश्न 38: चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल का विशेष नाम क्या है जहाँ से चंद्रयान-4 नमूने एकत्र करेगा?
उत्तर 38: चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल का विशेष नाम शिव शक्ति बिंदु (Shiv Shakti Point) है।
प्रश्न 39: भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों की महत्वाकांक्षाओं की घोषणा किस प्रधानमंत्री ने की?
उत्तर 39: भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों की महत्वाकांक्षाओं की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।
प्रश्न 40: गगनयान मिशन के संदर्भ में, भारतीय वैज्ञानिकों की भूमिका क्या है?
उत्तर 40: भारतीय वैज्ञानिक गगनयान मिशन लॉन्च करेंगे।
प्रश्न 41: राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोहों का भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए क्या महत्व है?
उत्तर 41: राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोहों के दौरान ही भारत की साहसिक अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्र अन्वेषण योजनाओं की घोषणा की गई थी।
प्रश्न 42: BAS-01 में कौन सी विशिष्ट डॉकिंग प्रणाली विकसित की जाएगी?
उत्तर 42: BAS-01 में भारत डॉकिंग प्रणाली (Bharat Docking System) होगी।
प्रश्न 43: 2040 तक भारत चंद्रमा पर उतरने के अलावा चंद्र अन्वेषण में और कौन सी महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करेगा?
उत्तर 43: 2040 तक भारत चंद्रमा पर उतरने के साथ-साथ नमूने भी सुरक्षित रूप से वापस लाने का लक्ष्य रखता है।
प्रश्न 44: प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी चुनौती में पांच वर्षों के भीतर कितने 'स्पेस यूनिकॉर्न' के उद्भव की संभावना पूछी?
उत्तर 44: प्रधानमंत्री मोदी ने पांच 'स्पेस यूनिकॉर्न' के उद्भव की संभावना पूछी।
प्रश्न 45: 2030 तक भारत को अपनी वार्षिक रॉकेट लॉन्च क्षमता को कितने तक बढ़ाने की चुनौती दी गई है?
उत्तर 45: 2030 तक भारत को अपनी वार्षिक रॉकेट लॉन्च क्षमता को 50 रॉकेट प्रति वर्ष तक बढ़ाने की चुनौती दी गई है।
प्रश्न 46: ग्रुप कैप्टन शुभंशु शुक्ला ने किस हालिया अवधि में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत का झंडा फहराया?
उत्तर 46: ग्रुप कैप्टन शुभंशु शुक्ला ने इसी महीने (घोषणा के समय) अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत का झंडा फहराया।
प्रश्न 47: ग्रुप कैप्टन शुभंशु शुक्ला को किस उपलब्धि के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है?
उत्तर 47: उन्हें अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय नागरिक के रूप में बताया गया है।
प्रश्न 48: प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी अंतरिक्ष संबंधी घोषणाएँ किस सरकारी कार्यालय के अनुसार कीं?
उत्तर 48: प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी घोषणाएँ प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister's Office) के अनुसार कीं।
प्रश्न 49: 2040 तक, भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम किन दो प्रमुख उपलब्धियों के माध्यम से अपनी वैश्विक स्थिति मजबूत करेगा?
उत्तर 49: 2040 तक, भारत चंद्रमा पर उतरेगा और नमूने वापस लाएगा, जिससे उसका अंतरिक्ष कार्यक्रम दुनिया की अग्रणी एजेंसियों के बराबर हो जाएगा।
प्रश्न 50: ISRO चेयरमैन वी. नारायणन ने भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए कौन सी समय-सीमा स्पष्ट की?
उत्तर 50: ISRO चेयरमैन वी. नारायणन ने स्पष्ट किया कि पहला मॉड्यूल 2028 तक लॉन्च होगा, और पूर्ण पांच-मॉड्यूल स्टेशन 2035 तक चालू हो जाएगा।
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